नई दिल्ली। यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव से लेकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तक में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने जोर शोर से बीजेपी और एनडीए कैंडिडेंट्स का प्रचार किया था। इस पूरे चुनाव में योगी का ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारा खूब चर्चा में रहा। हालांकि महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी योगी के इस नारे पर आपत्ति उठाई मगर अब जब यूपी और महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के रुझान सामने हैं तो उससे एक बात स्पष्ट है कि जनता को योगी की बंटेंगे तो कटेंगे वाली बात समझ आई और यूपी सीएम के इस नारे के आगे अखिलेश यादव का पीडीए फार्मूला काम नहीं किया।
बात अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव की करें तो यहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी के कैंडिडे्टस के बीच सीधी टक्कर थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले के दम पर जीत का दम भर रहे थे। वहीं योगी आदित्यनाथ ने हर रैली में एकजुटता का संदेश देते हुए इतिहास से सबक सीखने की अपील जनता से की। योगी ने कई पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए लोगों से जाति, वर्ण के नाम पर बांटने वालों से सावधान रहने को कहा और ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया। चुनाव नतीजों के अभी तक आए रुझानों के मुताबिक बीजेपी 6, उसकी सहयोगी आरएलडी 1 सीट पर आगे है। इस तरह से बीजेपी के खाते में 9 में से 7 सीट जाती दिख रही हैं, वहीं समाजवादी पार्टी सिर्फ 2 सीट पर बढ़त बनाए है।
इस चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने कांग्रेस को लगभग दरकिनार करते हुए उसे सिर्फ 2 सीट देने का प्रस्ताव दिया था मगर कांग्रेस ने बाद में विधानसभा चुनाव में अपने कैंडिडेट नहीं उतारने का फैसला किया। अखिलेश यादव को अपने पीडीए फार्मूले पर अतिआत्मविश्वास था मगर विधानसभा चुनाव के रुझान उनके लिए बहुत बड़ा झटका है। उधर महाराष्ट्र में भी जनता ने बीजेपी को हाथों हाथ लिया है और बीजेपी का महायुति गठबंधन अब तक के रुझानों में बहुमत की सीटों के आंकड़े से काफी आगे निकल चुका है।