लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से धान की सीधी खरीद करने के लिए गम्भीर है। प्रदेश सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। इसके दृष्टिगत धान खरीद में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसानों के हितों की अनदेखी करने वालों की जवाबदेही तय करते हुए ऐसे लोगों की खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में धान खरीद व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की अपेक्षा अब तक डेढ़ गुना अधिक धान क्रय किया जा चुका है। इसके बावजूद, किसानों के व्यापक हितों को देखते हुए खरीद प्रक्रिया में और तेजी लाने की आवश्यकता है। एमएसपी के अन्तर्गत धान क्रय करने के लिए 4200 केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि यदि आवश्यकता हो तो और अतिरिक्त क्रय केन्द्र भी स्थापित किये जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि धान क्रय करने वाली सभी संस्थाएं पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य करें। धान खरीद प्रक्रिया में कतई ढिलाई न बरती जाए। धान खरीद केन्द्रों पर मनमानी नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि धान क्रय केन्द्र समय से संचालित हों। किसानों को 72 घण्टे के अन्दर उनकी उपज का भुगतान हर हाल में कर दिया जाए। उन्होंने धान क्रय प्रक्रिया की गहन मॉनीटरिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा स्वयं प्रतिदिन समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी में आने वाला पूरा धान खरीदा जाए। सहकारिता विभाग द्वारा धान खरीद में तेजी लायी जाए। उन्होंने सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे फील्ड में तैनात अपने अधिकारियों के कार्यों की गहन मॉनीटरिंग करें तथा धान खरीद में ढिलाई बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग द्वारा भी जनपदों में संचालित अपने धान क्रय केन्द्रों की नियमित समीक्षा की जाए।