सहायक अध्यापक भर्ती: प्रथम एवं द्वितीय चरण की काउंसलिंग में शामिल नहीं हो पाने वाले अभ्यर्थियों को योगी सरकार दे रही है दूसरा मौका
Yogi Government : निवार को इस बाबत जानकारी देते हुए राज्य सरकार(Uttar Pradesh Government) के प्रवक्ता ने कहा कि इसी प्रकार, जो अभ्यर्थी किन्हीं वजह से प्रथम एवं द्वितीय चरण की काउंसलिंग में उपस्थित नहीं हो पाए थे, उनको भी राज्य सरकार दूसरा मौका दे रही है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मिशन रोजगार को लेकर योगी सरकार बेहद तत्पर नजर आ रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69,000 सहायक अध्यापक पदों के सापेक्ष जिन अभ्यर्थियों की पहले और दूसरे चरण की काउंसलिंग किसी अभिलेखीय विसंगति के कारण नहीं हो पायी थी, अब उनको योगी सरकार दूसरा मौका दे रही है। राज्य सरकार की तरफ निर्देश जारी हुए हैं, जिसमें बताया गया है कि दिनांक 9, 10 एवं 11 दिसम्बर, 2020 को ऐसे अभ्यर्थियों को पुनः काउंसलिंग का अवसर प्रदान किया जा रहा है। बता दें कि काउंसलिंग में उपयुक्त पाए गए अभ्यर्थियों को 12 दिसम्बर, 2020 को नियुक्ति प्रदान किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। शनिवार को इस बाबत जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इसी प्रकार, जो अभ्यर्थी किन्हीं वजह से प्रथम एवं द्वितीय चरण की काउंसलिंग में उपस्थित नहीं हो पाए थे, उनको भी राज्य सरकार दूसरा मौका दे रही है।
उन्होंने कहा कि, ऐसे अभ्यर्थियों को भी दिनांक 9, 10 व 11 दिसम्बर, 2020 की काउंसलिंग में सम्मिलित होने का मौका मिलेहा। प्रवक्ता ने जानकारी दी कि, उपयुक्त अभ्यर्थियों को दिनांक 12 दिसम्बर, 2020 नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। वहीं अभिलेखीय विसंगतियों के सम्बन्ध में दिनांक 04 दिसम्बर, 2020 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किए जाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए गए हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बेसिक शिक्षा विभाग में बहुप्रतीक्षित 69 हजार शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है। उन्होंने कहा है कि यूपी सरकार ने शुचिता, पारदर्शिता के साथ बिना भेदभाव सिर्फ और सिर्फ मेरिट के आधार पर नौकरी देने का जो संकल्प लिया है, आज उस कड़ी में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। इस 69 हजार शिक्षक चयन की प्रक्रिया को जनवरी, 2020 में ही पूर्ण हो जाना चाहिए था, लेकिन कुछ लोगों ने अपने निजी स्वार्थों और कुत्सित राजनीति से प्रेरित होकर चंदा वसूली कर जैसे-तैसे हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक इसे उलझाए रखा। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार की रीति और नीति को ही सही माना। अंततः आज यह महत्वपूर्ण चयन प्रक्रिया सम्पन्न हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मिशन रोजगार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। यह आगे भी इसी तरह जारी रहेगी।
बेसिक शिक्षा परिषद, उ.प्र. द्वारा संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में चयनित 36,590 सहायक अध्यापकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ https://t.co/7r04fJFWwt
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 5, 2020
गौरतलब है कि शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 36,590 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण की प्रक्रिया का शुभारंभ क़िया। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में 05 नवचयनित युवाओं को मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ, जबकि जिलों में आयोजित कार्यक्रम में सरकार के मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नियुक्ति पत्र वितरित किए। आमूलचूल परिवर्तन जरूरी, वाहक बनें नए शिक्षक: नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। इनकी दी हुई शिक्षा जीवन भर साथ रहती है, काम आती है। नवचयनित शिक्षकों को यह जिम्मेदारी समझनी होगी। दुनिया में जहां भी जो कुछ भी सुंदर है, उत्तम है, उससे अपने स्कूल के बच्चों तक पहुंचाएं। अब यही आपका धर्म है।