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CM योगी ने दी दंगाइयों को कड़ी चेतावनी, कहा- अगर सार्वजनिक या निजी संपत्ति को पहुंचाया नुकसान तो…

यूपी(Uttar Pradesh) देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां इस तरह के अधिकरण का गठन किया गया हो। इस अधिकरण में वे लोग क्लेम कर सकेंगे, जिनकी संपत्ति को दंगे(Violence) या किसी जुलूस के दौरान नुकसान पहुंचा हो।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने उपद्रवियों और दंगाइयों की कमर तोड़ने के लिए संपत्ति क्षति दावा अधिकरण का गठन किया है। इसके बाद अब निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान करके उनसे ही वसूली की जाएगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक ट्वीट करके उपद्रवियों को सख्त शब्दों में चेतावनी दी है।

Yogi Sarkar

सीएम योगी ने ट्वीट में लिखा है कि, “उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं है। सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी। सतर्क उत्तर प्रदेश, सुरक्षित उत्तर प्रदेश।”

Yogi Tweet

बता दें कि यूपी सरकार सीएए विरोधी आंदोलन के बाद अध्यादेश लाई थी और उससे संबंधित लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 बनाई थी। इसी नियमावली के तहत दो दावा अधिकरणों का गठन किया गया है। इनमें से एक अधिकरण लखनऊ में और दूसरा मेरठ में होग। दावा अभिकरण को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी और वह उसी रूप में काम करेगा।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई है कि लखनऊ के कार्य क्षेत्र में लखनऊ मंडल के अलावा झांसी, कानपुर, चित्रकूटधाम, अयोध्या, देवीपाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और विंध्याचल मंडल शामिल है। जबकि मेरठ दावा अधिकरण के अधीन मेरठ मंडल के अलावा सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा, बरेली और मुरादाबाद मंडल क्षेत्र भी होंगे। इनकी दावा याचिकाएं भी यहीं स्वीकार की जाएंगी।

Lucknow protest

किसी को क्षतिपूर्ति पाने के लिए क्लेम करना है तो नुकसान पहुंचाने की तारीख से तीन माह के अंदर ही दावा करना होगा। अधिकरण को आवेदन में 30 दिन के विलंब को माफ करने की छूट होगी। इसके लिए संबंधित थानाध्यक्ष की रिपोर्ट लगानी होगी, जिसमें नुकसान का आंकलन होगा।

बता दें कि यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां इस तरह के अधिकरण का गठन किया गया हो। इस अधिकरण में वे लोग क्लेम कर सकेंगे, जिनकी संपत्ति को दंगे या किसी जुलूस के दौरान नुकसान पहुंचा हो। अधिकरण उनकी शिकायतों पर वसूली कराएगा। खास बात ये है कि दंगाइयों या उपद्रवियों को अपनी बेगुनाही का सबूत भी अभिकरण में ही देना होगा।