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UP: मजदूरों को योगी सरकार का दिवाली तोहफा, हर साल मिलेगा लाखों का मुफ्त इलाज

UP: ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेन्सिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) द्वारा अधिकृत सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रति परिवार को हर साल 5 लाख रुपये तक इलाज की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी। बात करें अगर प्रदेश में कामगारों की तो वर्तमान में यूपी में असंगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या लगभग 4.5 करोड़ है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य वासियों की सहुलत का ख्याल रखकर लगातार कोई न कोई कदम उठा रही है। इसी क्रम में अब योगी सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, सीएम योगी के निर्देश पर अब असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। योगी आदित्यनाथत के इस फैसले के बाद अब इस योजना से जुड़ने वाले मजदूर और उनके परिवारीजनों को 5 लाख रुपये तक का इलाज कैशलेस दिया जाएगा। इस योजना के अनुसार, मजदूर के दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांगता होने पर परिवार को आर्थिक सहायता प्राप्त कराई जाएगी। शुक्रवार को इस सिलसिले में अपर मुख्य सचिव श्रम की ओर से शासनादेश जारी किया गया।

cm yogi aditaynath

कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की योजना

इसे लेकर यूपी सरकार के ऑफिशल हैंडल से लिखा गया, “सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ लागू करने का निर्णय लिया गया है।”
इस योजना से असंगठित कामगारों जोड़ने का प्रमुख कारण उन्हें फायदा पहुंचाना है। इस योजना से जुड़ने के बाद उत्तर प्रदेश सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत कामगारों एवं उनके परिवारजनों को 5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की निःशुल्क सुविधा प्राप्त होगी जिससे उनपर इजाक के पैसों का भार नहीं पड़ेगा साथ ही, असंगठित कामगारों को वित्तीय स्वास्थ्य सुरक्षा भी प्राप्त होगी।

यूपी में कितने है कामगार ?

‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेन्सिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) द्वारा अधिकृत सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रति परिवार को हर साल 5 लाख रुपये तक इलाज की सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी। बात करें अगर प्रदेश में कामगारों की तो वर्तमान में यूपी में असंगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या लगभग 4.5 करोड़ है।