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बकरीद को लेकर योगी सरकार ने जारी की गाइडलाइन, भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों को दी चेतावनी

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुस्लिम समाज के प्रमुख त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) को लेकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस वर्ष कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पुलिस और प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरने के लिए कहा गया है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुस्लिम समाज के प्रमुख त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) को लेकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस वर्ष कोरोना के प्रकोप को देखते हुए पुलिस और प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरने के लिए कहा गया है। घर पर ही त्योहार मनाने को कहा गया है और सामूहिक रूप से नमाज अदा करने की मनाही है। पुलिस निदेशक कार्यालय की तरफ से सभी जिलों के एसएसएपी और एसपी को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोरोना संक्रमण के डर से सभी धार्मिक स्थलों के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं। किसी भी धार्मिक स्थल में सामूहिक रूप से भीड़ इकट्ठा न होने देने की हिदायत दी गई है। साथ ही धर्मगुरुओं से कहा गया है कि बकरीद का त्योहार घर पर मनाएं। लोगों को सामूहिक रूप से नमाज न अदा करने के लिए प्रेरित करें।

Yogi adityanath

निर्देश है कि पुलिस लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए जागरूक करे। सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए रखें। भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। थानाध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी छोटी से छोटी घटना को भी गंभीरता से लें।

ईद-उल-अजहा त्योहार पर किसी की सांप्रदायिक भावनाएं आहत न हों और असामाजिक तत्व इस मौके का फायदा न उठा पाएं, इसको लेकर डीजीपी कार्यालय की ओर से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि कुर्बानी के दौरान गोवंश की हत्या से सांप्रदायिक तनाव की संभावना रहती है, इसलिए इस पर अंकुश लगाने के लिए खास ध्यान रखा जाना चाहिए।

CM Yogi Adityanath

इस साल कोरोना संकट और सावन के महीने को देखते हुए बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी के दौरान पुलिस और प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरने के लिए कहा गया है। गैर मुस्लिम इलाकों में कुर्बानी पर प्रतिबंध लगाया गया है। कहा गया है कि नमाज के समय ईदगाहों और मस्जिदों के पास सुअरों व अन्य जानवरों को विचरण न करने दिया जाए। संवेदनशील इलाके में वीडियोग्राफी टीमों का गठन करने को कहा गया है। गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्न्ति करते हुए वहां सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाए।

ज्ञात हो कि ईद-उल-अजहा के चांद का मंगलवार को दीदार नहीं हो सका। ऐसे में मरकजी चांद कमेटियों के मौलानाओं ने 1 अगस्त को बकरीद मनाए जाने का ऐलान किया है। मौलानाओं ने कोरोना संक्रमण के चलते सभी से घर में ही नमाज अदा करने की अपील की है।

सपा सासंद शफीकुर्रहमान ने दिया था यह बयान

बता दें कि बकरीद को लेकर सबसे पहले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने केंद्र और राज्य सरकारों से विशेष छूट देने को कहा था। इसके बाद से ही बकरीद और कुर्बानी को लेकर सियासत गरमा गई है। शफीकुर्रहमान ने कहा था, ‘बकरीद पर मुसलमानों को ईदगाह और मस्जिदों में सामूहिक नमाज़ पढ़ने की अनुमति मिलनी चाहिए। मुझे यकीन है कि जब ज्यादा से ज्यादा मुसलमान अल्लाह के दरबार में मुल्क की भलाई की दुआ करेंगे तो अल्लाह हमारी जरूर सुनेंगे।’ इसके साथ ही शफीकुर्रहमान ने बकरीद के मौके पर पशु बाजार लगाए जाने की मांग भी की थी।

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इसके जवाब में भाजपा विधायक संगीत सोम ने शफीकुर्रहमान पर ज़ुबानी हमला बोला। संगीत सोम ने कहा, ‘अगर शफीकुर्रहमान के बयान में दम है तो सबसे पहले पाकिस्तान से कोरोना खत्म हो जाना चाहिए था। जिस तरह आज़म खान की ईद जेल में मनी है, उनकी भी बकरीद जेल में मनेगी। कहां लिखा है कि बकरीद पर खेती करने वाले जानवर कांटे जाएं, साग, आलू खाकर भी ईद मनानी जा सकती है।’