लखनऊ। बेटियों को आत्मरक्षा के गुरों को सिखाने की बात हो या फिर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का कार्य, प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान के तहत शहरी व ग्रामीण महिलाओं को सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाया जा रहा है। यूपी में वृहद अभियान के जरिए महिलाओं के स्वावलंबन, सुरक्षा व सेहत की दृष्टि से कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश की 5,52,26,850 लोगों को अब तक जागरूक किया जा चुका है। जिसके तहत 1,98,74,468 महिलाएं और 1,37,16,793 बालिकाएं शामिल हैं। शक्ति संवाद, हक की बात के जरिए एक ओर ग्रामीण व शहरी महिलाओं की समस्याओं का तेजी से निवारण किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर नायिका मेगा इवेंट, मेधावियों व जेंडर चैंपियन को सम्मानित कर उनको गौरान्वित किया जा रहा है। महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने कहा कि मिशन शक्ति के अंतर्गत समस्त कल्याणकारी तथा संरक्षण संबंधी योजनाओं को उत्तर प्रदेश की अंतिम महिला तक पहुंचाने हेतु महिला कल्याण विभाग प्रतिबद्ध है। इस मिशन के माध्यम से महिलाओं और बालिकाओं के प्रति लोगों की सोच में बदलाव देखने को मिल रहें हैं।
कन्या सुमंगला योजना व महिला पेंशन से मिला सहारा
विभाग की ओर से निराश्रित महिलाओं को विधवा पेंशन और बेटियों को कन्या सुमंगला योजना के तहत सीधे तौर पर लाभान्वित किया गया है। प्रदेश में पति की मृत्योपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 27.95 लाख महिलाओं को लाभ मिल चुका है वहीं कन्या सुमंगला योजना के तहत 5 लाख 80 हजार बेटियों की सहायता की गई है। इसके साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत 51,25,579 बेटियों को सीधे तौर पर लाभान्वित किया गया है। रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं सम्मान कोष योजना के तहत 4,937 हिंसा पीडि़त महिलाओं व बेटियों की सहायता की गई है।
रोजगार के नए अवसरों की मिल रही जानकारी
सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं की टीमों द्वारा ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को रोजगार से जुड़े नए अवसरों की जानकारी दी जा रही हैं। जिसके तहत उनको लघु व कुटीर उद्योग, जैविक खेती, मास्क बनाने संग ड्रेस व डिजाइनर ज्वैलरी से जुड़े कामों को सिखाया जा रहा है। महिलाएं भी उत्साह संग इन कार्यों को सीख रही हैं। अभियान के तहत विभाग की ओर से महिलाओं व बेटियों को स्वावलंबी बनाने के कार्य पर बल दिया जा रहा है।