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UP: ट्रांसफर-पोस्टिंग की आड़ में भ्रष्टाचार करने वालों पर चला CM योगी का हंटर, PWD के चीफ समेत 5 सस्पेंड

पीडब्ल्यूडी का अहम विभाग पिछली सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य संभालते थे। इस बार सरकार बनने के बाद ये विभाग कांग्रेस से बीजेपी में आए जितिन प्रसाद को दिया गया था। अनिल कुमार पांडेय केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति पर यूपी आकर जितिन के ओएसडी बने थे। भ्रष्टाचार के खेल में सबसे पहले उनपर गाज गिरी और जांच बिठाई गई।

लखनऊ। यूपी में बीते दिनों हुए तबादलों की आड़ में कई विभागों में भ्रष्टाचार की बात सामने आई। जिसके बाद जांच बिठाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसा करने वालों को न बख्शे जाने की बात कही थी। पहले उनके आदेश पर पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को सस्पेंड किया गया था। मंगलवार देर रात विभाग के प्रमुख मनोज कुमार गुप्ता, चीफ इंजीनियर राकेश कुमार सक्सेना, सीनियर स्टाफ अफसर शैलेंद्र कुमार यादव, प्रशासनिक अधिकारी पंकज दीक्षित और प्रधान सहायक संजय कुमार चौरसिया को भी सस्पेंड कर दिया गया। इन सभी के खिलाफ जांच और अनुशासन के तहत कार्रवाई किए जाने का आदेश दिया गया है।

press note on up pwd corruption action

पीडब्ल्यूडी का अहम विभाग पिछली सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य संभालते थे। इस बार सरकार बनने के बाद ये विभाग कांग्रेस से बीजेपी में आए जितिन प्रसाद को दिया गया था। अनिल कुमार पांडेय केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति पर यूपी आकर जितिन के ओएसडी बने थे। भ्रष्टाचार के खेल में सबसे पहले उनपर गाज गिरी और जांच बिठाई गई। मामला वहां तक ही नहीं रुका और भ्रष्टाचार पर जांच को आगे बढ़ाते हुए अब ताजा कार्रवाई की गई है। दरअसल, योगी ने कह रखा है कि वो किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। पीडब्ल्यूडी में बीते दिनों चले ट्रांसफर सत्र के दौरान आदेशों में व्यापक अनियमितता की शिकायतें सीएम योगी तक भी पहुंची थीं। जिसके बाद सीएम ने 3 अफसरों की टीम बनाई थी।

Yogi on Press Confrence

भ्रष्टाचार की जांच करने वाली टीम में एपीसी मनोज सिंह, एसीए गन्ना और आबकारी संजय भूसरेड्डी और नियुक्ति और कृषि विभागों के सेक्रेटरी देवेश चतुर्वेदी शामिल थे। इस टीम ने 16 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट सीएम तक पहुंचा दी थी। जिसके बाद ताबड़तोड़ फैसला लेते हुए कल रात ही योगी ने जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे। तबादले के मामलों में धुरखेल करने पर पहली बार किसी विभाग में इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है। माना जा रहा है कि कुछ और विभागों में भी इसी तरह की कार्रवाई हो सकती है।