अगर राहुल गाँधी ने नहीं किया ऐसा तो खुद उसका दोस्त पहुंचाएगा उसे नुकसान…
लखनऊ। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। पार्टी के राज्यसभा सांसद और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन और सीटों के बंटवारे पर अंतित फैसला पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ही लेंगे।
इसके अलावा सपा ने एक फैसला लिया है, जिससे कांग्रेस और उनके अध्यक्ष राहुल गांधी को सीधा नुकसान होने की संभावना है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी के पास भले ही लोकसभा की एक भी सीट नहीं, लेकिन वोट प्रतिशत के आधार पर वह राष्ट्रीय पार्टी है।
समाजवादी पार्टी चाहती है कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन से पहले बसपा की तरह सपा भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना चाहती है। इसके लिए सपा जो भी कदम उठाएगी उसका सीधा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए सपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव लड़ना होगा। ऐसे में अगर सपा इन तीनों राज्यों की सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़ा करते हैं तो इसका सीधा नुकसान राहुल गांधी और कांग्रेस उठाना पड़ सकता है। मध्य प्रदेश में तो पार्टी के अधिकतम आठ विधायक जीत चुके हैं। इसी के मद्देनजर पार्टी पूरे राज्य में अपने प्रत्याशियों को खड़ा करने की सोच रही है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनावों में गंभीरता से उतरने के लिहाज से ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का दौरा कर लिया है। समाजवादी पार्टी की नजर बुंदेलखंड समेत उत्तर प्रदेश से लगे मध्य प्रदेश के सीमाई क्षेत्रों पर है। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए संगठन की कोशिश चार राज्यों में पार्टी के खाते में छह फीसद वोट जुटाने की होगी। जिससे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सके।