नई दिल्ली। आयुर्वेदिक गुरु मनीष ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा सांसद पद्मश्री हंसराज हंस से मुलाकात की | गुरु मनीष ने सभी भारतीयों को उनके “राइट टू हेल्थ ’के बारे में जागरूक करने सम्बन्ध में एक मुहीम की शुरुआत करी जिसे “राईट टू हेल्थ” के नाम से प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है। इस बाबत गुरु मनीष ने आज दिल्ली से लोकसभा एवं सूफी गायक सांसद हंसराज से आग्रह किया कि वो भी इस मुहीम से जुडें एवं अन्य सभी को भी जुड़ने के लिए आह्वाहन करें। इस ऑनलाइन मुहिम का मुख्य उद्देश्य भारत की समय-समय पर जड़ी-बूटियों पर आधारित चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद’ के परिक्षण पर जागरूकता फ़ैलाने के सम्बन्ध में शुरू किया गया है। अभी तक इस मुहिम के माध्यम से हजारों लोग जुड़ चुके हैं।
गुरु मनीष ने कहा, “एनसीआर में राइट टू हेल्थ’ ऑनलाइन याचिका शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ भारत सरकार का ध्यान आयुर्वेद ’को उसका सही स्थान दिलाने और एक स्वस्थ भारत’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने सांसद हंसराज हंस से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन दिया, जिसमें हमने महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव लाने के लिए केंद्र के साथ अपने अच्छे कार्यालयों का उपयोग करने के लिए उनका समर्थन मांगा है, जो आयुर्वेद के प्रति उदासीनता को दूर करने में मदद करेगा। बैठक में गुरु मनीष ने देश में आयुर्वेद की वर्तमान स्थिति के बारे में संसद हंस राज हंस को अवगत किया और बताया कि यह कैसा उपचारात्मक और सौतेला व्यवहार आयुर्वेद के प्रति किया जा रहा है।
गुरु मनीष ने सांसद हंस राज हंस को बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप में आयुर्वेद की ऐतिहासिक जड़ें होने के बावजूद, यह आश्चर्यजनक है, कि आज भी एक आयुर्वेद चिकित्सक एक साधारण चिकित्सा प्रमाण पत्र भी जारी नहीं कर सकता है। आज भी रोगियों के लिए आयुर्वेदिक उपचार के लिए कोई बीमा प्रणाली नहीं है| यहां तक कि आयुष्मान भारत के तहत परिवार के लिए 5 लाख का कवर, केवल एलोपैथी आधारित अस्पतालों में उपलब्ध है। गुरु मनीष ने सांसद हंस राज हंस को बीमा योजनाओं के दायरे में आयुर्वेद उपचार की आवश्यकता पर भी प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि सांसद हंस राज हंस ने उन्हें बहुत है धैर्य पूर्वक सुना और केंद्र सरकार में आयुर्वेद के प्रचार को उच्चतम स्तर तक ले जाने के लिए उचित से उचित मदद का आश्वासन दिया।