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पौष्टिक आहार लेने से गर्भवतियों से दूर रहेगा कोरोना

डॉ. सुजाता ने बताया कि, गर्भवस्था के समय महिलाओं को अपने भोजन में काबरेहाईड्रेट, फैट, प्रोटीन, विटामिन, हाई फाइबर व मिनरल्स आदि को शामिल कर संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ, अखरोट, बादाम, सुपर फूड जैसे हल्दी, अदरख, लहसुन आदि का सेवन करना चाहिए।

लखनऊ। कोरोनावायरस इन दिनों वैश्विक स्तर पर महामारी का रूप ले चुका है। यह बड़ी चुनौती बन चुका है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को सजगता के साथ अपनी देखभाल करनी चाहिए। पौष्टिक आहार लेने से उनसे कोरोना वायरस दूर रहेगा। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एडोलसेन्स की प्रमुख डॉ. सुजाता देव ने बताया, “गर्भवती महिलाओं को उनके शरीर में होने वाले परिवर्तन से कुछ संक्रमण के खतरे बढ़ सकते हैं। हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है कि गर्भवती में आम जनता की तुलना में कोविड-19 से बीमार होने की संभावना ज्यादा है।”

Pregnant woman

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव का एकमात्र जरिया सावधानी है। हमें उन सभी सलाहों को मानना चाहिए जो चिकित्सक बता रहे हैं तथा सरकार द्वारा जारी की गई है। डॉ. सुजाता ने बताया कि, गर्भवस्था के समय महिलाओं को अपने भोजन में काबरेहाईड्रेट, फैट, प्रोटीन, विटामिन, हाई फाइबर व मिनरल्स आदि को शामिल कर संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ, अखरोट, बादाम, सुपर फूड जैसे हल्दी, अदरख, लहसुन आदि का सेवन करना चाहिए।

raw vegetables

डॉ. देव ने कहा, “सफाई से बना हुआ ताजा खाना ही खाएं। फलों व सब्जियों को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से धो लें। गुनगुने पानी का सेवन करें। गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 20-25 मिनट योग या साधारण इनडोर स्ट्रेचिंग व्यायाम या सरल योग व्यायाम करना चाहिए। कैफिन, अल्कोहल, तम्बाकू और अन्य नशीले पदाथोर्ं का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि बुखार, खांसी या सांस लेने में कठिनाई हो तो देखभाल करें, स्वास्थ्य सुविधा जाने से पहले कल कर चिकित्सीय सलाह का पालन करें।”

Pregnant woman

डॉ़ ने बताया, “पहली तिमाही में पौष्टिक नाश्ते के साथ तीन बार भोजन करना चाहिए। साथ ही पांच मिग्रा की फोलिक एसिड की एक गोली रोजाना लेनी चाहिए। आयरन, कैल्शियम या अन्य किसी भी दवाई का सेवन पहली तिमाही में नहीं करना है। दूसरी और तीसरी तिमाही में दो पौष्टिक नाश्ते के साथ तीन बार भोजन करना चाहिए। साथ ही आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) की रोजाना एक गोली का सेवन करना चाहिए जिससे प्रसव के बाद कुछ माह तक जारी करना चाहिए। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में एक एल्बेन्डाजोल की टेबलेट का सेवन करना चाहिए। दूसरी व तीसरी तिमाही में भोजन के बाद दो कैल्शियम की गोली का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। आयरन व कैल्शियम का सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए।”