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अगर नींद पूरी ना हो तो व्यवहार में आता यह बदलाव

उचित नींद के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सोने के अभाव विश्व भर में औद्योगिक और सड़क दुर्घटनाओं दोनों के प्रमुख कारणों में से एक है।

नई दिल्ली। नींद की कमी इन दिनों एक बड़ी समस्या बन गई है ज्यादातर वयस्कों को हर दिन 7 से 9 घंटे नींद की आवश्यकता होती है। हालांकि, ज्यादातर लोग प्रतिदिन 7 घंटे से भी कम नींद लेते हैं। उचित नींद के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सोने के अभाव विश्व भर में औद्योगिक और सड़क दुर्घटनाओं दोनों के प्रमुख कारणों में से एक है। अमेरिका में उनींदे होने के कारण 20% घातक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं।

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अगर आप पूरी नींद नहीं लेते तो यह समस्याएं हो सकती हैं 

चिड़चिड़ापन

भावनात्मक चिड़चिड़ापन सोने के अभाव का एक सामान्य दुष्प्रभाव है लंबे समय तक सोने की कमी के कारण आपके भावनात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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मूडी मिजाज़

किसी व्यक्ति की भावनात्मक बुद्धि पर कभी विश्वास न रखें जो लंबे समय तक अच्छी तरह सो नहीं रहा है। नींद पूरी न होने पर मूड स्विंग होता है।

याददाश्त

कुछ मामलों में, यह आपकी याददाश्त को भी प्रभावित करता है कि आप उन बुनियादी कार्यों को याद करने में असमर्थ हो जाते हैं।

नई चीजें सीखने में कठिनाई

नींद से वंचित आपकी स्मृति को प्रभावित करता है इससे मस्तिष्क के लिए नए कनेक्शन बनाने और नई चीजों को याद करना मुश्किल हो जाता है।

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उम्र पर असर

अध्ययन से पता चला है कि जो व्यक्ति पूरी नींद नहीं लेते उनमें त्वचा संबंधी बीमारियां ज्यादा दिखती हैं। उम्र ज्यादा दिखने लगती है। नींद पूरी न होने पर वजन बढ़ने लगता है।