नई दिल्ली। मलेरिया मादा ‘एनोफिलीज’ मच्छरों के काटने से पैदा होने वाली एक बेहद घातक और जानलेवा बीमारी है। ये मच्छर डंक मारते समय अपने शिकार के खून में ‘पैरासाइट’ छोड़ देता है। पैरासाइट शरीर में दाखिल होते ही लिवर की ओर बढ़ जाता है। यहां पैरासाइट परिपक्व होने के कुछ दिन बाद खून में प्रवेश करता है और लाल रक्त काशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। लोगों को ऐसी ही जानकारियां प्रदान करने और उन्हें इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को ‘विश्व मलेरिया दिवस’ मनाया जाता है। आइए इस बीमारी के संबंध में आपको कुछ आवश्यक जानकारियां प्रदान करते हैं।
मलेरिया के लक्षण
- तेज बुखार, ठंड लगना, बहुत अधिक पसीना आना, सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, पेट दर्द, डायरिया, एनीमिया और मांसपेशियों में दर्द मलेरिया के मुख्य लक्षण हैं।
- इसके अलावा कुछ मरीजों के शरीर में ऐंठन, कोमा या मल में खून आने की समस्या भी देखने को मिलती है।
- शरीर में ये लक्षण नजर आएं तो बिना लापरवाही बरते तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
मलेरिया से बचाव के उपाय
- मच्छरों को घर के अंदर या बाहर न पनपने दें।
- इसके लिए अपने आसपास पानी न इकट्ठा होने दें और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
- बारिश शुरू होने से पहले ही घर के पास की नालियों की सफाई करवा दें, सड़कों और गलियों के गड्ढे आदि भरवा लें, या तो उन्हें ढ़क दें।
- घर के हर कोने में समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। घर के आस-पास कूलर, एसी, गमलों और टायर आदि में पानी जमा न होने दें। यदि रखना ही पड़े, तो पानी को समय-समय पर बदलते रहें और कीटनाशकों का छिड़काव करते रहें।
- पानी की टंकियों को अच्छे तरीके से ढककर रखें।