CWG 2022: दीपक पूनिया ने पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को चटाई धूल, देश के लिए जीता गोल्ड

CWG 2022: इन सब में सबसे ज्यादा चर्चा दीपक पूनिया के गोल्ड मेडल की हो रही है। वजह साफ है दरअसल, उन्होंने 86 किग्रा वर्ग में भारत के चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाड़ी मोहम्मद इनाम को हराकर गोल्ड मेडल जीता।

Avatar Written by: August 6, 2022 3:18 pm
deepka puniya

नई दिल्ली। भारतीय खिलाड़ियों का कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में लगातार शानदार प्रदर्शन जारी है। एक तरफ जहां पहले भारतीय वेटलिफ्टरों ने देश को गोल्ड दिलाए तो वहीं, अब दूसरी तरफ भारत कुश्ती में गोल्ड मेडल ला रहा है। कुश्ती में अब तक चार मेडल भारत की झोली में आ चुके हैं। पहले अंशूर मलिक ने देश के नाम सिल्वर किया इसके बाद बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और दीपक पूनिया ने अपने देश को राष्ट्रमंडल खेलों में सोना दिलवाया। इन सब में सबसे ज्यादा चर्चा दीपक पूनिया के गोल्ड मेडल की हो रही है। वजह साफ है दरअसल, उन्होंने 86 किग्रा वर्ग में भारत के चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाड़ी मोहम्मद इनाम को हराकर गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने इस दौरान शानदार प्रदर्शन किया। पूरे मैच में दीपक ने पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को वापसी करने का एक भी मौका नहीं दिया। जिसके चलते भारत के इस रियल हीरो ने मैच 3-0 से अपने नाम कर लिया। इसके बाद चारों तरफ से दीपक पूनिया को बधाइयां मिल रही हैं।


दीपक ने पाकिस्तान को किया चित

दीपक पूनिया की इस जीत के साथ ही ये कुश्ती में भारत का चौथा मेडल बना। इससे पहले साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने भी गोल्ड मेडल जीता। दीपक पूनिया का मैच पाकिस्तान के अनुभवी पहलवान मोहम्मद इनाम बट के साथ था। लेकिन इस मैच में दीपक ने अपने देश का गौरव बढ़ाते हुए पाकिस्तानी पहलवान को चित कर दिया। भारतीय शेर दीपक मैच में पहले से ही इनाम बट पर हावी नजर आ रहे थे। वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तानी के खिलाड़ी थेके हुए दिख रहे थे। इसी चीज का दीपक ने फायदा उठाते हुए पाकिस्तना के गोल्ड जीतने वाले सपने पर पानी फेर दिया और अपने हुनर और मेहनत की बदौलत जीत हासिल कर हिंदुस्तान का नाम रोशन करने का काम किया। जानकारी के लिए बता दें कि दीपक इससे पहले दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भी देश को गोल्ड दिला चुके हैं।


दीपक का परिचय

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पाकिस्तानी पहलवान को शिकस्त देकर भारत का सीना चौड़ा करने वाले दीपक पूनिया का जन्म हरियाणा के झज्जर में हुआ था। जानकारी के लिए बता दें कि झज्जर गांव को पहले से ही कुश्ती के लिए जाना जाता है। पांच साल की उम्र से ही दीपक के पिता सुभाष पूनिया उनको दंगल पर ले जाते थे और इसी उम्र से ही इस होनहार पहवान के करियर की शुरुआत हुई। साल 2015 में दीपक ने छत्रसाल स्टेडियम के जाने माने पहलवान के साथ ट्रेनिंग शुरू की और इसके बाद पहले वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप का हिस्सा बन कर अपना हुनर दिखाया।