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Naman Ojha Father Arrested: सलाखों के पीछे पहुंचे इस भारतीय क्रिकेटर के पिता, धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने धर दबोचा

Naman Ojha Father Arrested: पुलिस ने पूरे मामले का ब्यौरा देते हुए बताया है कि वर्ष 2013 में बैतूल जिले के ग्राम जौलखेड़ा में स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा में बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम पदस्थ थे। तबादला होने के बाद सफाई कर्मी एवं अन्य के साथ मिल कर रविवार दो जून 2013 को लगभग 34 फर्जी खाते खुलवा कर इन पर किसान क्रेडिट कार्ड का लोन ट्रांसफर कर लगभग सवा करोड़ रुपए का आहरण कर लिया गया।

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की पुलिस ने लगभग सवा करोड़ रुपये के गबन के मामले में क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा को गिरफ्तार किया है। उन पर वर्ष 2013 में मामला दर्ज हुआ था, जब वे यहां बैंक मैनेजर हुआ करते थे, तब से फरार चल रहे थे। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नमन ओझा के पिता विनय ओझा जौलखेड़ा में स्थित महाराष्ट्र बैंक की शाखा में प्रबंधक हुआ करते थे। इसी दौरान लगभग सवा करोड़ का गबन हुआ था, जिस पर मुलताई पुलिस थाने में वर्ष 2013 में प्रकरण दर्ज हुआ था। उसके बाद से ही फरार थे, सोमवार को उनकी गिरफ्तारी हुई। मुलताई थाना प्रभारी सुनील लाटा ने बताया कि मशहूर क्रिकेटर नमन ओझा के पिता वीके ओझा को सवा करोड़ के गबन के एक मामले में मुलताई पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है, जहां से उन्हे एक दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। बैंक आफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में वर्ष 2013 में हुए लगभग सवा करोड़ रुपएं के गबन के मामले में तत्कालीन मैनेजर विनय ओझा की गिरफ्तारी हुई। उन पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज है।

पुलिस ने पूरे मामले का ब्यौरा देते हुए बताया है कि वर्ष 2013 में बैतूल जिले के ग्राम जौलखेड़ा में स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा में बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम पदस्थ थे। तबादला होने के बाद सफाई कर्मी एवं अन्य के साथ मिल कर रविवार दो जून 2013 को लगभग 34 फर्जी खाते खुलवा कर इन पर किसान क्रेडिट कार्ड का लोन ट्रांसफर कर लगभग सवा करोड़ रुपए का आहरण कर लिया गया। जिस समय यह गबन हुआ तब बैक ऑफ महाराष्ट्र शाखा में वीके ओझा शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ थे। आरोप है कि बाद पूर्व बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, विनोद पंवार, लेखापाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित तत्कालीन मैनेजर वीके ओझा इस गफलत में शामिल रहे।

मुलताई पुलिस थाना प्रभारी सुनील लाटा ने बताया कि लगभग एक साल बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक रितेश चतुवेर्दी ने 19 जून 2014 को ब्रांच में हुए गबन की शिकायत पुलिस थाने में की थी। शिकायत में बताया कि फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि आहरित की गई है। तरोड़ बुजुर्ग निवासी दर्शन पिता शिवलू का मौत के बाद उसके नाम से खाता खोलकर रुपए आहरित कर लिए गए। अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर लगभग सवा करोड़ रुपए की राशि आहरित की गई थी।