हिमा दास ने स्वर्ण पदक को कोविड-19 योद्धाओं को किया समर्पित
हाल ही में भारत की मिश्रित रिले टीम के जकार्ता एशिया खेलों-2018 में चार गुणा 400 स्पर्धा में जीते गए रजत पदक को स्वर्ण में बदल दिया गया था और अब इस टीम की सदस्य हिमा दास ने इस पदक को कोविड-19 योद्धाओं जिसमें, डॉक्टर,पुलिस अधिकारी शामिल हैं, उन्हें समर्पित किया है।
नई दिल्ली। हाल ही में भारत की मिश्रित रिले टीम के जकार्ता एशिया खेलों-2018 में चार गुणा 400 स्पर्धा में जीते गए रजत पदक को स्वर्ण में बदल दिया गया था और अब इस टीम की सदस्य हिमा दास ने इस पदक को कोविड-19 योद्धाओं जिसमें, डॉक्टर,पुलिस अधिकारी शामिल हैं, उन्हें समर्पित किया है।
दास ने एक ट्वीट करते हुए कहा, “मैं एशियाई खेलों में चार गुणा 400 मीटर रिले स्पर्धा के अपग्रेडेड स्वर्ण पदक को पुलिस, डॉक्टरों और बाकी के कोरोना वॉरियर्स को समर्पित करना चाहती हूं जो निस्वार्थ भाव से इस कोविड-19 के मुश्किल दौर में हमारी सुरक्षा और स्वास्थ का ध्यान रख रहे हैं। सभी कोरोनावॉरियर्स के लिए सम्मान।”
I would like to dedicate my upgraded gold medal of 4×400 mixed relay event of Asian Games 2018 to police, doctors and all other Coronawarriors who are working selflessly in these difficult times of Covid-19 to ensure our safety and good health. Respect for all #CoronaWarriors
— Hima (HD) (@HimaDas8) July 24, 2020
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी तक कोविड-19 के कुल 13,36, 861 मामले सामने आए हैं जिनमें से 31,388 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है जबकि 8,49,432 लोग स्वस्थ हो गए हैं। इस समय सक्रिय मामलों की कुल संख्या 4,56,071 है। मंत्रालय ने कहा है कि रिक्वरी रेट 63.53 है।
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 2018 में हुए एशियाई खेलों में भारत की मिश्रित रिले टीम द्वारा जीता गया रजत पदक स्वर्ण में बदल गया था। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने गुरुवार को एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी थी। चार गुणा 400 मिश्रित रिले में मोहम्मद अनस, एमआर पूवाम्मा, हिमा दास, आरोकिया राजीव की भारतीय टीम दूसरे स्थान पर रही थी।
पहला स्थान बहरीन के नाम रहा था, लेकिन उस टीम के सदस्य केमी आडेकोया पर एथलेटिक्स इंटीग्रीटि यूनिट ने डोप टेस्ट में फेल हो जाने पर चार साल के लिए निलंबित कर दिया है, जिसके कारण उनसे यह स्वर्ण पदक छिन गया और भारत का रजत स्वर्ण में तब्दील हो गया।