इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इमरान खान काफी चर्चा में रहे हैं। चाहे क्रिकेट का मसला हो या सियासत का, इमरान लोगों की पसंद भी रहे और तमाम वजहों से लोग उनके विरोधी भी बने। क्रिकेट का वर्ल्ड कप इमरान ने पाकिस्तान को दिलाकर हर दिल में जगह बनाई। फिर सियासत में भी आए। उन्होंने वादा किया था कि नया पाकिस्तान बनाएंगे, लेकिन उनके नए पाकिस्तान में लोगों को दो जून की रोटी भी महंगाई की वजह से मिलनी मुश्किल हो गई। आइए जानते हैं क्रिकेट से सियासत तक का इमरान खान का सफर।
क्रिकेट से सियासत तक का सफर
इमरान खान पाकिस्तान के लाहौर के रहने वाले हैं। उनका जन्म साल 1952 में लाहौर के पश्तून परिवार में हुआ था। इमरान खान के करियर की बात करे तो पहली बार 1971 में उन्होंने टेस्ट मैच से क्रिकेट में डेब्यू किया था। जिसके बाद उन्होंने वन-डे की पारी खेली। साल 1974 में इमरान ने वनडे मुकाबले में डेब्यू किया। साल 1982 इमरान खान के लिए बहुत खास रहा और वो उनके क्रिकेट करियर के लिए टर्निंग पाइंट भी था। 1982 में इमरान खान को पाकिस्तान क्रिकेट टीम की बागडोर सौंपी गई और कप्तान बनाया गया।
1992 में वर्ल्ड कप जीत बने हीरो
इसके बाद इमरान खान के करियर ने तेजी से रफ्तार पकड़ी और साल 1992 में वो वर्ल्ड कप विजेता टीम के हीरो रहे। सबसे ज्यादा लाइमलाइट इमरान खान ने बटोरी क्योंकि टीम की बागडोर उन्हीं के हाथों में थी। क्रिकेट में हीरो बनने के बाद इमरान खान ने सियासत में एंट्री मारी। उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की स्थापना की। इस पार्टी की स्थापना इमरान खान ने साल 1996 में थी कि जिसके बाद साल 2002 में परवेश मुशर्रफ के सैन्य शासन के दौरान हुए आम चुनाव में पीटीआई ने पहली और एक मात्र सीट जीती थी। खास बात ये रही कि इमरान ने अपने करियर में 48 टेस्ट मैच खेले और 10 साल तक पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे। 48 मैचों में से इमरान ने 14 मैच जीते जबकि 8 हारे और 26 मैच ड्रा रहे। इसके अलावा उन्होंने 139 वनडे मैच खेले जिसमें से 77 मैचों में जीत हासिल की और 57 मैच हार गए।