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अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल को उम्मीद- ‘2022 एशियाई खेलों में शामिल होगा खो-खो’

न्यूजरूम पोस्ट से खास बातचीत करते हुए सुधांशु मित्तल ने कहा कि, खोखो किस तरह से नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। हमने पहला अंतरराष्ट्रीय कोचिंग कैंप लेवल वन लगाया है जिसमें 16 देशों से प्रतिनिधि, खिलाड़ी और कोच भी आए है और ये कैंप एक महीने तक चला, जिसके दौरान खेल से संबंधित काफी कुछ सिखाया गया।

नई दिल्ली। युवाओं में खेल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में अब अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ के प्रयास से खेल जगत में खो-खो को भी नई ऊंचाइयां मिल रही है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने उम्मीद जताई है कि 2022 एशियाई खेलों में खो-खो को भी शामिल किया जायेगा।

सोमवार को दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित कांफ्रेंस हॉल CSOI में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कोचिंग कैंप के दौरान न्यूजरूम पोस्ट से खास बातचीत करते हुए सुधांशु मित्तल ने कहा कि, खोखो किस तरह से नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। हमने पहला अंतरराष्ट्रीय कोचिंग कैंप लेवल वन लगाया है जिसमें 16 देशों से प्रतिनिधि, खिलाड़ी और कोच भी आए है और ये कैंप एक महीने तक चला, जिसके दौरान खेल से संबंधित काफी कुछ सिखाया गया।

International Kho Kho Federation President Sudhanshu Mittal

इस मौके पर भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने बताया कि, ‘मुझे उम्मीद है कि भारत के पारंपरिक खेल खो-खो को जापान में 2026 में होने वाले एशियाई खेलों में जगह मिलेगी। खो-खो दुनिया भर में 25 देशों में खेला जाता है।’ राजीव मेहता ने कहा, ‘खो-खो को एशियाई ओलंपिक परिषद ने जकार्ता में 2018 में हुए एशियाई खेलों के दौरान औपचारिक तौर पर मान्यता दी। उम्मीद है कि इसे 2026 खेलों तक पूर्ण दर्जा मिल जायेगा।’

Indian Olympic Association secretary general Rajeev Mehta

‘अल्टीमेट खो-खो लीग’ के बारे में मेहता ने कहा कि यह 27 नवंबर से 20 दिसंबर तक दिल्ली, पुणे और हैदराबाद में खेली जायेगी जिसमें आठ टीमें भाग लेंगी।

KHO KHO Sports

वहीं अगर खेल को बढ़ावा देने की बात करें तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी कह चुके हैं कि गांव और कस्बों से ऐसे खिलाड़ियों को सामने लाया जाए जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकें। इसके लिए केंद्र सरकार उन खिलाड़ियों की पूरी मदद करने को तैयार है।