देश की पहली महिला पैरा एथलीट दीपा मलिक जिनको मिला खेल रत्न, उन्होंने लिया संन्सास बनेंगी पैरालम्पिक कमेटी की अध्यक्ष
दीपा पैरालम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने रियो पैरालम्पिक-2016 में गोलाफेंक में रजत पदक जीता था। उन्होंने पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में एफ-53/54 कैटेगरी में भालाफेंक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
नई दिल्ली। पैरालम्पिक रजत पदक विजेता दीपा मलिक ने सोमवार को संन्यास की घोषणा कर दी ताकि वह राष्ट्रीय खेल कोड को मानते हुए भारतीय पैरालम्पिक समिति (पीसीआई) का अध्यक्ष पद संभाल सकें। राष्ट्रीय खेल नियम के मुताबिक कोई भी मौजूदा खिलाड़ी महासंघ में आधिकारिक पद नहीं ले सकता।
दीपा ने ट्विटर पर लिखा, “चुनाव के लिए मैंने पीसीआई को काफी पहले ही पत्र सौंप दिया था। मैं नई समिति को मान्यता देने के संबंध में उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार किया और अब केंद्रीय खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त करने के लिए मैं खेल से संन्यास की घोषणा करती हूं। अब पैरा-खेलों की सेवा करने और बाकी खिलाड़ियों की मदद करने का वक्त आ गया है।”
To be an office bearer at PCI had left active sports as that is the national sports code.. people waited for some declaration but one felt it’s obvious. today initiated paper work for my Paralympics Medal Pension which was pending at my end. Will continue to serve #parasports pic.twitter.com/LNbRgpQlHB
— Deepa Malik (@DeepaAthlete) May 11, 2020
दीपा पैरालम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने रियो पैरालम्पिक-2016 में गोलाफेंक में रजत पदक जीता था। उन्होंने पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में एफ-53/54 कैटेगरी में भालाफेंक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
पिछले साल 29 अगस्त को उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड मिला था। वह यह अवॉर्ड पाने वाली भारत की दूसरी पैरा-एथलीट थीं। उनसे पहले भालाफेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाजरिया ने 2017 में यह पुरस्कार अपने नाम किया था। इससे पहले दीपा को 2012 में अर्जुन अवॉर्ड और 2017 में पद्मश्री अवॉर्ड मिला था। 49 साल की दीपा के पास 58 राष्ट्रीय और 23 अंतर्राष्ट्रीय पदक हैं।