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Sarfaraz Khan : शानदार फॉर्म में चल रहे सरफराज खान ने फिर जड़ दी सेंचुरी, सिलेक्टर्स उन्हें क्यों कर रहे नजरअंदाज?

Sarfaraz Khan : शुरुआत से ही इस मुकाबले में मुंबई हावी रही थी और ताबड़तोड़ शुरुआत के बाद जब टीम लड़खड़ानी शुरू हुई तो फिर बागडोर संभाली सलामी बल्लेबाज सरफराज खान ने और जड़ दिया अपने करियर का एक और शतक।

मुंबई। मुंबई के स्टार बल्लेबाज सरफराज खान का बल्ला हर दिन बोल रहा है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों के लिए टीम में नहीं चुना गया। इसे लेकर सिलेक्टर्स पर सवाल उठ ही रहे थे कि सरफराज ने एक और शतक मार दिया। रणजी ट्रॉफी में मुंबई की टक्कर दिल्ली से हो रही है। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जा रहे मुकाबले में सरफराज ने मुश्किल परिस्थितियों में आकर शतक जड़ दिया। हर कोई सरफराज के इस प्रदर्शन की तारीफ कर रहा है लेकिन इसके बावजूद भी बीसीसीआई की सिलेक्टिंग कमेटी के आंखों पर पड़े पर्दे नहीं खुल रहे हैं। लोग ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर सरफराज के इतने शानदार फॉर्म के बावजूद भी उनको बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल क्यों नहीं कर रही है इसके पीछे आखिर वजह क्या है?


स्टार बल्लेबाज सरफराज खान किस फॉर्म से गुजर रहे हैं इसका अंदाजा आप उनके हालिया प्रदर्शन से लगा सकते हैं। उनका औसत दुनिया के महानतम बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन के लगभग बराबर है। मुंबई के खिलाफ एक मैच खेलते हुए सरफराज खान ने गेंदों पर शतक जड़ा। 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे सरफराज ने पहली 20 गेंदों पर सिर्फ एक ही रन बनाए थे। लेकिन उसके बाद तेजी से रन बनाना शुरू किया। 37वां फर्स्ट क्लास मैच खेल रहे सरफराज खान का यह 13वां शतक है। 53 पारियों के बाद उनका बल्लेबाज औसत 82 से ऊपर का है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 50 से ज्यादा पारियां खेलने वाले क्रिकेटर में सिर्फ ब्रैडमैन का औसत सरफराज से बेहतर है।

आपको बता दें कि शुरुआत से ही इस मुकाबले में मुंबई हावी रही थी और ताबड़तोड़ शुरुआत के बाद जब टीम लड़खड़ानी शुरू हुई तो फिर बागडोर संभाली सलामी बल्लेबाज सरफराज खान ने और जड़ दिया अपने करियर का एक और शतक। तेज शुरूआत के बाद मुंबई की टीम ने 13 रनों के बीच मुंबई ने अपने टॉप-4 बल्लेबाजों के विकेट खो दिये। इसके बाद सरफराज खान ने प्रसाद पवार (25) के साथ मिलकर टीम को 100 रनों के पार पहुंचाया। छठे विकेट के लिए उन्होंने शम्स मुलानी (39) के साथ 144 रनों की साझेदारी कायम की। उनके फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इतनी शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी सिलेक्टर्स की नजरों में पढ़ना पढ़ना चौंकाने वाली बात तो जरूर है।