सुकन्या को ईडी ने कई बार पूछताछ के लिए पहले बुलाया था, लेकिन वो जा नहीं रही थीं। पिछली बार 15 मार्च को ईडी ने सुकन्या मंडल को दिल्ली तलब किया था। तब भी उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर दिल्ली जाने में असमर्थता दिखाई थी। ऐसे में ईडी के अफसरों ने उनसे बुधवार को पूछताछ की।
जवाहर सरकार ने ये भी दावा किया कि पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार के लोग और दोस्त राजनीति छोड़ने की सलाह भी दे रहे हैं। जवाहर सरकार ने कहा कि अगर भ्रष्टाचारियों को अभी पार्टी से अलग न किया गया, तो एक साइड के सड़े हुए शरीर जैसे दल को लेकर जंग लड़ना मुश्किल होगा।
बता दें कि बीते दिनों सीबीआई ने पशु तस्करी के आरोपों में घिरे टीएमसी नेता को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी भी देखने को मिली थी। उनकी गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने कथित रूप से राजनीति से भी प्रेरित बताया था। ध्यान रहे कि कथित रूप से विगत दिनों टीएमसी नेता को उपरोक्त प्रकरण में सीबीआई की तरफ से पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था।
अनुब्रत को सीबीआई ने बुधवार को पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन अनुब्रत ने खुद को बीमार बताकर 2 हफ्ते का वक्त मांगा था। जिसके बाद आज उनको जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले सीबीआई ने इस आरोप में अनुब्रत के सुरक्षाकर्मी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने सोमवार को आसनसोल के कोर्ट में पशु तस्करी के मामले में चौथी चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें अनुब्रत के बॉडीगार्ड सैगल हुसैन समेत 11 लोगों को आरोपी बताया गया है। 40 पेज की चार्जशीट में बताया गया है कि सैगल ने पशु तस्करों से रकम लेकर अनुब्रत तक पहुंचाने का काम किया।
बड़ी तादाद में रकम बरामद होने के बाद टीएमसी नेता और ममता की सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी ईडी की गिरफ्त में आए थे। अब पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस TMC का एक और बड़ा नेता पशु तस्करी के मामले में फंसता दिख रहा है। टीएमसी के इस नेता का नाम अनुब्रत मंडल है।