Maharashtra: डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यह पत्र अजित पवार को लिखा है, जिसे उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर भी साझा किया है। हालांकि, अभी तक अजित पवार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, फडणवीस ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया कि मेरी नवाब मलिक से हमारा कोई गिला शिवका नहीं है।
Ajit Pawar: अजीत पवार ने अपने बायन में कहा कि जब शरद पवार ने अपने प्लान के तहत इस्तीफा दिया, तो इसके कुछ दिनों के बाद ही अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया। ऐसा करके उन्होंने अपनी झोली में सियासी सहानुभूति हासिल करने का प्रयास किया।
गिरीश महाजन ने कहा कि शरद पवार मेरे दावे से इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि शरद पवार पीठ में छुरा घोंपने के लिए पहचाने जाते हैं। बता दें कि शरद पवार लगातार कहते रहते हैं कि 2019 में अजित पवार बगैर उनकी मर्जी के देवेंद्र फडणवीस के साथ जाकर डिप्टी सीएम बन गए थे।
शरद पवार ने चुनाव आयोग को ये भी लिखा है कि बिना कानूनी अधिकार के अजित पवार गुट ने एनसीपी पर दावा किया है। इस चिट्ठी में शरद पवार ने लिखा है कि कुछ शरारती लोगों ने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की वजह से दलबदल किया।
साइरस पूनावाला ने शरद पवार को चतुर व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि पीएम के तौर पर शरद पवार अच्छा काम कर सकते थे, लेकिन उनके सामने आए मौके खत्म हो गए। वो इन मौकों को भुना नहीं सके। पूनावाला ने कहा कि मेरी तरह उनकी उम्र भी बढ़ रही है। ऐसे में उनको संन्यास ले लेना चाहिए।
रोड शो के बाद एनसीपी के दूसरे धड़े के नेता अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की बीजेपी-शिवसेना सरकार में वो इसलिए शामिल हुए, क्योंकि विकास चाहिए था। अजित पवार ने तमाम प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि मोदी का भरोसा कभी नहीं तोड़ेंगे।
शरद पवार ने मीडिया को बताया कि 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली बैठक में 16 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में विपक्षी दलों के नेता तय करेंगे कि लोकसभा चुनाव को किस तरह से लड़ा जाए। शरद पवार ने आधे घंटे से भी ज्यादा वक्त तक मीडिया से आज बात की।
अजित पवार की तरफ से एनसीपी को अपना बताने के बाद पार्टी के नेताओं और विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। शरद पवार ने भी उसी दिन अपने गुट की बैठक बुलाई थी। अजित पवार की बैठक में 40 विधायक पहुंचे थे। जबकि, शरद पवार की बैठक में 13 विधायक ही थे। दोनों ने ही एनसीपी पर दावा ठोका है।
नाना पटोले से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने भी शरद पवार और अजित के बीच बैठक पर सवाल उठाए थे। तब अशोक चव्हाण ने कहा था कि शरद पवार को स्थिति साफ करनी चाहिए। शरद पवार ने बीते दिनों ही चौथी बार अजित पवार से मुलाकात की थी। इससे कांग्रेस चिंता में है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने लालकिले पर हुए स्वतंत्रता दिवस समारोह में तीन खराबियों को आज गिनाते हुए विपक्ष पर निशाना साधा था। उन्होंने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को देश के लिए बड़ा खतरा बताया था। इसी पर विपक्षी दल भड़क गए हैं। नतीजे में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने मोदी की मुखालिफत की है।