Congress President Election: आपको बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाना पार्टी में बड़े बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है। उनके अध्यक्ष बनने के साथ ही गांधी परिवार थोड़ा पीछे पहुंच गया है, जो लगातार 24 सालों से कांग्रेस अध्यक्ष था। साल 1998 से अब तक सोनिया गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष थीं, जबकि बीच में दो साल के लिए 2017 से 2019 के दौरान राहुल गांधी ने यह पद संभाला था।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल बाद चुनाव हो रहे हैं। 19 अक्टूबर को नतीजा आएगा। मैदान में 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे के तौर पर पुरातनपंथी और नेहरू-गांधी खानदान के करीबी नेता हैं। उनके मुकाबले नई सोच वाले शशि थरूर हैं। कांग्रेस का इतिहास 137 साल का है। सबसे ज्यादा वक्त सत्ता पर भी कांग्रेस का ही कब्जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए इससे पहले चुनाव साल 2000 में हुआ था। उस वक्त सोनिया गांधी के सामने कद्दावर नेता जीतेंद्र प्रसाद थे। चुनाव में जीतेंद्र प्रसाद को 100 से भी कम वोट मिले थे। इस बार सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका ने एलान किया कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। पहली बार नेहरू-गांधी खानदान से कोई मैदान में नहीं होगा।
उधर, अब रिमोट कंट्रोल वाले सवाल को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि देखिए बात जहां तक रिमोट कंट्रोल की है, तो मैं यहां एक बात कहना चाहूंगा कि अगर मुझे पार्टी हित के लिए कुछ फैसले लेने से पूर्व गांधी परिवार से इजाजत लेनी होगी, तो मुझे कोई हर्ज नहीं है, चूंकि उन्होंने पार्टी के लिए लंबा संघर्ष किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए दिल्ली समेत देश के सभी राज्यों में प्रदेश कांग्रेस दफ्तरों (पीसीसी) में सुबह 10 बजे से वोटिंग होगी। शाम 4 बजे तक वोट डाले जा सकेंगे। दिल्ली समेत 38 जगह वोट पड़ेंगे। वोटिंग की पूरी प्रक्रिया गुप्त होगी। इन चुनावों में देशभर से करीब 9000 वोटर हैं। इनमें से कितने थरूर और कितने खड़गे को वोट देते हैं ये देखना है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अब दो ही दावेदार मैदान में रह गए हैं। एक हैं केरल के तिरुवनंतपुरम से पार्टी के लोकसभा सांसद शशि थरूर और दूसरे राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे। एक अन्य नेता केएन त्रिपाठी ने भी परचा भरा था, लेकिन उनका परचा रद्द कर दिया गया है। 8 अक्टूबर तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकते हैं।
दिग्विजय से पहले भी कांग्रेस के तमाम नेता अपना दुख ट्विटर के जरिए बयां कर चुके हैं। जब पिछले दिनों राज्यसभा का चुनाव हुआ था, तो कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा, नगमा और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट में लिखा था कि ‘उनकी तपस्या’ काम न आई। इसे लेकर तब सोशल मीडिया में इन तीनों नेताओं को ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा था।
Congress Prez polls: ऐसे में सवाल उठता है कि थरूर ने गलत की या फिर जानबूझकर भारत का माप गलत दिखाया है। बता दें कि इससे पहले भी नागरिकता संशोधन कानून बिल यानि सीएए को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की थी उस वक्त भी उन्होंने भारत का नक्शा गलत दिखाया था उसमें भी पीओके और अक्साई चिन गायब था। जिसके बाद वो विपक्ष के निशाने पर आ गए थे और उन पर सवाल भी उठाए गए थे।
Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर गुरुवार देर रात अहम बैठक भी हुई। इस बैठक में सचिन पायलट और केसी वेणुगोपाल समेत कई सीनियर नेताओं ने शिरकत की। वहीं, राहुल गांधी जो कि इस दिन पैदल भारत जोड़ों यात्रा पर हैं वो और गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए इसका हिस्सा रहें।
हालांकि, खबरें ये भी हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मुकुल वासनिक और मल्लिकार्जुन खड़गे भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। ये दोनों ही नेता गांधी परिवार के करीबी हैं। वहीं, शशि थरूर उस जी-23 नेताओं के गुट में शामिल रहे हैं, जिन्होंने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीके पर सवाल खड़े किए थे।