गौरतलब है कि दो जुलाई की रात में विकास ने अपने साथियों के साथ मिलकर दबिश पर गए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इस मामले में उज्जैन से विकास को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी कानपुर में पुलिस से मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई थी।
हैदराबाद गैंगरेप के सभी अभियुक्तों का अपराध को अंजाम देने के बाद भाग जाना यह बताता है कि उन्हें पुलिस के साथ-साथ लोगों का भी डर था जबकि विकास दुबे, कानपुर नगर व देहात क्षेत्र में आतंक का पर्याय था। इसके विरूद्ध कोई भी व्यक्ति साक्ष्य देने तथा पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था।
उन्होंने बताया कि इसके बाद हाते में हमसे विकास दुबे ने पूछताछ की और गाड़ी दे दी। इसके बाद हम दहशत में आ गए कि हमें ये कल मार देगा। इसके बाद हम कप्तान के यहां आए।
गिरफ्तार किए गए लोगों का नाम ओम प्रकाश पांडेय और अनिल पांडेय है लेकिन ग्वालियर पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। विकास के ये दोनों सहयोगी शशिकांत पांडेय और शिवम दुबे फिलहाल फरार चल रहे हैं।
बता दें कि गुरुवार को ही गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था। वारदात के बाद से फरार विकास यूपी, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश पुलिस को चकमा देकर दर्शन करने मंदिर पहुंचा था।
ज्ञात हो कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास दुबे का नाम आया था।
मुख्यमंत्री चौहान ने विकास की गिरफ्तारी पर ट्वीट कर कहा, "जिनको लगता है कि महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धुल जाएंगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं।"
हरियाणा और उत्तर प्रदेश की संयुक्त टीमों ने दुबे के एक सहयोगी को हिरासत में लिया है। उसने पुष्टि की है कि दुबे होटल में उसके साथ रूका था।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद योगी सरकार एक्शन में आ गई है। अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में योगी सरकार ने सूबे के 33 बड़े माफियाओं की सूची तैयार की है।
दयाशंकर के बारे में जानकारी मिली है कि वह हमले के वक्त विकास दुबे के साथ था। उसने पुलिस को बताया कि विकास ने जिस बंदूक से फायरिंग की, वह मेरे नाम है।