Karnataka CM Face: राजस्थान में जब चुनाव के परिणाम सामने आए थे और कांग्रेस ने राज्य के भीतर जीत दर्ज की थी उस वक्त सचिन पायलट राहुल गांधी के बेहद करीब थे। बताया जाता है कि राहुल गांधी उन्हें ही राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। कहा जाता है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद सचिन पायलट ही सीएम पद के लिए राहुल गांधी की पसंद थे। खबरें हैं कि उस दौरान राहुल को समझाया गया कि 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके आलावा मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को सिंधिया की बगावत का सामना इन्हीं वजहों के चलते करना पड़ा था।
कांग्रेस को कर्नाटक में 135 सीटों पर जीत हासिल हुई है। यहां प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कांग्रेस की चुनाव रणनीति तैयार की थी। वहीं, सिद्धारामैया भी मैदान में थे। सिद्धारामैया के बेटे कह चुके हैं कि वो अपने पिता को एक बार फिर सीएम पद पर देखना चाहते हैं। वहीं, शिवकुमार ने सीएम पद के लिए कुछ भी बयान नहीं दिया है।
एकजुट होने की कोशिश कर रहे विपक्ष की तरफ से भी पीएम पद की दावेदारी में तमाम नाम उछल रहे हैं। विपक्ष के इन नामों में पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और बिहार के सीएम और जेडीयू के नीतीश कुमार भी हैं। सवाल ये उठ रहा है कि क्या कांग्रेस किसी और विपक्षी नेता को पीएम पद का दावेदार मानती है?
सचिन पायलट पहले ही आलाकमान पर गहलोत के मसले को लेकर दबाव कायम कर चुके हैं। 25 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान के पर्यवेक्षकों अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने गहलोत समर्थक विधायकों ने जिस तरह बागी तेवर दिखाए थे, उस मामले में कार्रवाई की मांग सचिन पायलट ने की है।
हिमाचल के सीएम बनने जा रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू के एक बयान ने गांधी परिवार और कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सवालों के घेरे में ला दिया है। सोशल मीडिया यूजर्स जमकर गांधी परिवार और खड़गे पर निशाना साध रहे हैं।
आचार्य प्रमोद कृष्णम बीते काफी दिन से मुखर रहे हैं। वो प्रियंका गांधी के सलाहकार भी रहे हैं। हाल के चुनाव नतीजों पर भी वो काफी कुछ ट्विटर पर लिखते रहे हैं।
सचिन पायलट ने साल 2020 में बागी तेवर दिखाए थे। वो अपने कुछ विधायकों के साथ दिल्ली आकर रुक गए थे। तब लग रहा था कि गहलोत की सरकार चली जाएगी, लेकिन राजस्थान की सियासत में ‘जादूगर’ कहे जाने वाले अशोक गहलोत ने अपनी कुर्सी बचा ली।
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि साल 2005-2006 में राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से 3 लाख डॉलर (तब करीब 90 लाख रुपए) लिए थे। फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट के हवाले से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ये आरोप लगाया था। फाउंडेशन पर ये आरोप भी लगा था कि उसके जरिए पीएम रिलीफ फंड का पैसा डायवर्ट किया गया।
इससे पहले खबर ये आई थी कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका के नाम पर जब पार्टी के भीतर चर्चा हुई, तो राहुल गांधी ने उनके नाम पर भी वीटो लगा दिया था। अब अब्दुल खालिक के तर्क के बाद कांग्रेस के भीतर प्रियंका को अध्यक्ष बनाने की मांग तेज हो सकती है। खालिक को एक नेता का समर्थन भी इस मुद्दे पर मिल गया है।
उन्होंने खुद मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि अब उन्हें आगामी दिनों में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए होने जा रहे चुनाव में प्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार का समर्थन हासिल होगा। बता दें कि थरूर ने खुद दावा किया है कि आगामी दिनों में अध्यक्ष पद के लिए होने जा रहे चुनाव में उन्हें गांधी कुनबे की ओर से सपोर्ट मिलेगा।