तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों के लिए आज वोटिंग चल रही है। 2200 से ज्यादा उम्मीदवार अपनी किस्मत यहां आजमा रहे हैं। जनता किसे चुनती है, इसका पता 3 दिसंबर को वोटों की गिनती के बाद पता चलेगा। यहां सत्तारूढ़ बीआरएस, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले हो रहे हैं।
तेलंगाना विधानसभा के चुनाव के लिए भी वोटिंग की तारीख तय हो चुकी है। तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटें हैं। इनके लिए 30 नवंबर को वोटिंग होगी। जबकि, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के साथ वोटों की गिनती यहां भी 3 दिसंबर को कराई जाएगी। के. चंद्रशेखर राव यहां तीसरी बार सीएम बनना चाहते हैं।
तेलंगाना में कुछ समय बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। तेलंगाना के गठन के बाद से वहां के. चंद्रशेखर राव की सरकार है। पहले उनकी पार्टी का नाम टीआरएस था। जिसे बीते दिनों चंद्रशेखर राव ने बदलकर बीआरएस कर दिया। खास बात ये है कि चंद्रशेखर राव ने विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की कोई इच्छा नहीं दिखाई।
बीजेपी को मिली ये जीत चंद्रशेखर राव के लिए इसलिए भी खतरे की घंटी है, क्योंकि इसी साल तेलंगाना में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा के चुनाव तो अगले साल हैं, लेकिन पहले अपने गढ़ तेलंगाना को बचाने की बड़ी चुनौती का सामना चंद्रशेखर राव को करना है।
तारिक अनवर ने साफ कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है। इसकी हर राज्य में मौजूदगी है। कुछ दल ऐसे भी हैं, जो विपक्ष में होने पर भी केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने की कोशिश करते रहते हैं। बता दें कि चंद्रशेखर राव और कांग्रेस के बीच रिश्ते हमेशा खराब रहे हैं।
TRS Vs BJP : मुख्यमंत्री केसीआर मनुगोदे में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरे साथ हैदराबाद से चार विधायक मुनुगोड़े आए हुए हैं। यह मेरे वह चार विधायक हैं, जिन्होंने करोड़ों के ऑफर को ठुकरा दिया। केसीआर ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सवाल किया।