Gyanvapi: ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का स्थल ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पिछले कुछ समय से बहस और चर्चा का विषय बना हुआ है। एएसआई के वैज्ञानिक सर्वेक्षण से साइट के वास्तुशिल्प और ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश पड़ने की उम्मीद है।
Gyanvapi Mosque Survey: बता दें कि आज सुबह 7 बजे से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुरू हुआ। जिसमें आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम से 43 के अलावा 4 वकील भी शामिल रहे। बता दें कि ASI की 4 टीमें अलग-अलग जगह सर्वे करने पहुंची।
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में पाए गए 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग करने की अनुमति देने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, हमारी साइंटिफिक जांच की मांग को ज़िला जज ने खारिज किया था जिसे हमने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती थी दी। हाई कोर्ट ने सारे पक्षों को सुनने के बाद हमारी याचिका को माना और 22 तारिख इस जांच के लिए तय की है।
Gyanvapi Case: वहीं ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में कोर्ट का फैसला आते नहीं हिंदू लोगों बल्कि मुस्लिम महिलाओं ने खुशी जाहिर की है। सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने खुशी जताते हुए भगवान शिव की आरती की और बैंड-बाजे के साथ जश्न मनाया।
Varanasi; उन्होने अपनी याचिका में यह दलील दी कि 1991 का ‘’प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’’ किसी धार्मिक स्थल के स्वरूप को निर्धारित करने से नहीं रोकता। इसके अलाव इस्लामिक सिध्दान्तों के आधार पर भी देखें तो मन्दिर तोड़कर बनाई गई कोई भी मस्जिद वैध नहीं हो सकती।
Heated debate while hearing : जिस पर जज ने आपत्ति जताई। इस बीच जज ने अहमदी के बोलने को जारी रखा। इसके बाद जज चंद्रचूड ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोनों की शांत रहने का सुझाव दिया। बहरहाल, इसम दौरान ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े तीनों ही पक्षकारों के बीच लंबी जिरह देखने को मिली है। फिलहाल शीर्ष अदालत ने मामले को जिला अदालत को भेज दिया है।
वाराणसी में इस मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में सुनवाई होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा के कोर्ट में मस्जिद कमेटी की अर्जी पर सुनवाई होनी है।