आज से देश की राजधानी में नए संसद भवन में कामकाज की शुरुआत हो रही है। इसके साथ ही पुराने संसद भवन को अब सरकार म्यूजियम में तब्दील करेगी। पुराना संसद भवन 93 साल का हो गया है। अंग्रेजों के वक्त इसे इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का नाम मिला था।
इस सत्र में एक देश एक चुनाव को लेकर भी विधेयक पेश किया जाएगा। बीते दिनों केंद्र सरकार के निर्देश पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाछथ कोविंद की अगुवाई में समिति गठित की गई थी, जिसकी अगली बैठक आगामी 23 सितंबर को होगी।
कल यानी 19 सितंबर से नए संसद भवन में कामकाज शुरू हो जाएगा। पुराने संसद भवन में आज से विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है। ये विशेष सत्र कल से नए संसद में होगा। इसके बाद नए संसद भवन में ही लोकसभा और राज्यसभा की सभी कार्यवाही होंगी। पुराने संसद भवन को म्यूजियम में तब्दील किया जाना है।
What is Foucault's Pendulum: नए संसद भवन में पेंडुलम को कोलकाता में नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (NCSM) द्वारा डिजाइन किया गया था और कहा जाता है कि यह भारत में इस तरह का सबसे बड़ा टुकड़ा है, जिसकी ऊंचाई 22 मीटर और वजन 36 किलोग्राम है। ध्यान दें कि अभी त क फौकॉल्ट पेंडुलम को लेकर किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं थी।
Ajit Pawar: अजित पवार ने नए संसद भवन के महत्व पर बात करते हुए कहा कि देश के भीतर लगातार जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। ऐसे समय में जब कुछ ही समय बाद लोकसभा और राज्यसभा की सीटें बढ़ जाएंगी तो हमारे पास एक बड़ी जगह भी होनी चाहिए। इसलिए नए संसद भवन की जरूरत थी। अजित पवार ने इमारत के निर्माण की भी तारीफ की और कहा, इस आलीशान इमारत को रेकॉर्ड टाइम में बनाकर तैयार कर दिया गया।
ओवैसी ने शायद ये नहीं देखा कि पवित्र सेंगोल को तमिलनाडु के अधीनम के संतों ने मोदी को सौंपा था। इसलिए वहां हिंदू धर्म के मंत्र ही पढ़े गए। ओवैसी को शायद ये भी नहीं दिखा कि सेंगोल स्थापना के बाद सभी धर्मों की प्रार्थना सभा भी संसद परिसर में हुई। ओवैसी अपने पुराने तौर-तरीकों के लिहाज से धर्म पर ही एक बार फिर मसले को ले गए।
New Parliament Inauguration: लोकसभा के कालीन में राष्ट्रीय पक्षी मोर और और राज्यसभा में राष्ट्रीय पुष्प कमल के उत्कृष्ट रूपों को दर्शाया गया है। यह कालीन देखने में बेहद खूबसूरत नजर आते हैं और हर कोई इनको देखकर खुश हो जाता है। ये कालीन तैयार करने वाली 100 साल से ज्यादा पुरानी भारतीय कंपनी ‘ओबीटी कार्पेट’ ने कहा कि बुनकरों ने लोकसभा और राज्यसभा के लिए 150 से ज्यादा कालीन तैयार किए और फिर उनकी 35,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैले दोनों सदनों की वास्तुकला के अनुरूप अर्ध-वृत्त के शिप में इन सभी कालीनों को सिला गया है।
Asaduddin Owaisi: नए संसद भवन के निर्माण के समय से ही विपक्ष बीजेपी पर निशाना साध रहा है। यह सिलसिला तब से शुरू हुआ जब से इस नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों से होने की बात सामने आई है। इस बात से कांग्रेस समेत 21 पार्टियों ने इसका विरोध किया है।
नए संसद भवन का उद्घाटन हो चुका है। इस भवन को पुराने संसद भवन के मुकाबले कई तरह से बेहतर बनाया गया है। नए संसद भवन का स्ट्रक्चर पूरी तरह भूकंपरोधी है। इसके अलावा इसमें सुरक्षा की बेमिसाल व्यवस्था की गई है। सुरक्षा व्यवस्था ऐसी कि परिंदा भी बगैर मंजूरी के इस नए संसद भवन में पर नहीं मार सकता।
केंद्र ने दलित अस्मिता का अपमान किया है। खैर, इन तमाम विरोध प्रतिरोध के बावजूद आज पीएम मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। वहीं, अब इन सभी विपक्षियों की इस पर प्रतिक्रिया सामने आ रही है। आइए, आगे आपको इस रिपोर्ट में इस पर किसने क्या कहा है ?