शरद पवार ने चुनाव आयोग को ये भी लिखा है कि बिना कानूनी अधिकार के अजित पवार गुट ने एनसीपी पर दावा किया है। इस चिट्ठी में शरद पवार ने लिखा है कि कुछ शरारती लोगों ने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा की वजह से दलबदल किया।
इससे पहले अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में 40 विधायकों, सांसदों और एमएलसी के दस्तखत वाले हलफनामे भेजकर एनसीपी को अपना बताया था। अजित पवार ने बैठक कर अपने साथ 32 विधायकों की संख्या भी सार्वजनिक की थी। अजित के साथ एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष में से एक प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल भी हैं।
शरद पवार और अजित पवार ने बुधवार को मुंबई में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था। ताकत के इस प्रदर्शन में अजित पवार अपने चाचा पर बीस छूटे थे। अब शरद पवार ने आज दिल्ली में एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। सबकी नजर इस पर है कि बैठक में एनसीपी के कितने और कौन-कौन नेता पहुंचते हैं।
Maharashtra Political Crisis: ध्यान दें कि बीते प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के पाले में थे। बीते रविवार को भी पटेल भी राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। बीते दिनों प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी की ओर से कार्यकारी अध्य़क्ष भी बनाया गया था। इतना ही नहीं, शरद पवार ने प्रेसवार्ता के दौरान यहां तक कहा था कि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा है कि आखिर प्रफुल्ल पटेल ने मेरे खिलाफ यह कदम कैसे उठा लिया।
अजित पवार को शिंदे सरकार के डिप्टी सीएम के तौर पर और 8 विधायकों को मंत्रीपद की शपथ भी दिला दी गई, लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक चाचा से बगावत करने वाले अजित पवार और उनके साथ के मंत्री बनने वाले लोग नंबर गेम में फंस गए हैं। अगर उन्हें अब कानून से बचना है, तो साथ में और विधायक चाहिए होंगे।
महाराष्ट्र में अजित पवार और उनके साथी विधायकों की बगावत के बाद शरद पवार की एनसीपी में हड़कंप जैसी स्थिति है। हर हाल में अजित पवार और उनके साथ गए विधायकों को एनसीपी में वापस लाने की कोशिश जारी है। इसके तहत हर पैंतरे शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले अपना रहे हैं।
Alka Lamba on NCP Crisis: अलका लांबा ने महाराष्ट्र में एनसीपी में दो फाड़ होने पर ट्वीट करते हुए लिखा, ''आपके भाई साहब तो धोखा दे गए, 23जून की पटना बैठक में भाजपा के भेदी बन कर आये और सारी सूचना लेकर चल दिये गद्दारों से सावधान।''
खास बात ये है कि अजित पवार ने बीते दिनों ही महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष का पद छोड़ने और एनसीपी के संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी। अजित पवार की इस इच्छा के बारे में शरद पवार ने कहा था कि ऐसे फैसले कोई एक व्यक्ति नहीं ले सकता। इस बारे में पार्टी के बड़े नेताओं से चर्चा के बाद ही फैसला होगा।
Ajit Pawar : अजित पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि वो एनसीपी की कमान अपने हाथ में नहीं लेना चाहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति को गहराई से समझने वाले लोगों का कहना है कि अजित पवार बेशक मीडिया के सामने यह दावा करें कि वो एनसीपी अध्य़क्ष नहीं बनना चाहते हैं, लेकिन उनके मन में इस पद को लेकर लगातार लड्डू फूट रहे हैं।
अजित पवार को महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं में गिना जाता है। हालांकि, उनकी ये पहचान अपने चाचा शरद पवार की वजह से है। आमतौर पर अजित पवार को शरद पवार और अपनी बहन सुप्रिया सुले के साथ अच्छे मूड में ही देखा जाता रहा है। तीनों के बीच करीबी सार्वजनिक तौर पर नजर आती रही है।