अतीक अहमद का बेटा अली 30 जुलाई 2022 से नैनी जेल में बंद है। सूत्रों के मुताबिक जेल से ही अली अपने गुर्गों के जरिए अतीक अहमद का सारा कामकाज संभाल रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ताजा शिकायतों के संदर्भ में अली के खिलाफ जांच चल रही है। उसके गुर्गों को पकड़ने की कोशिश भी जारी है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक अतीक अहमद इन 50 शेल कंपनियों के माध्यम से काली कमाई को सफेद करता था। उसने तमाम बेनामी संपत्तियां भी जुटाई थीं। ज्यादातर संपत्तियां 2012 से 2017 के बीच जुटाई गईं। अतीक ने कई सरकारी जमीनों पर भी कब्जा कर लिया था। योगी सरकार ने इन जमीनों को अतीक और उसके करीबियों से मुक्त कराया है।
सूत्रों का ये भी कहना है कि संजीव यादव ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि उसे नेपाल में असलहा सप्लाई किया गया। फिर एक अनजान शख्स ने लखनऊ में रुकने का ठिकाना दिलाया। कुल मिलाकर उसके बयान कई तरह के हैं। फिलहाल कोर्ट ने जीवा की हत्या के आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।
तीनों काफी दिन से फरार हैं। उमेश पाल की हत्या इस साल 24 फरवरी को हुई थी। उसके बाद से गुड्डू बमबाज और साबिर फरार हैं। गुड्डू की आखिरी लोकेशन ओडिशा के पास मिली थी। वहीं, उमेश पाल हत्याकांड के बाद कुछ दिन तक तो शाइस्ता परवीन मीडिया के सामने आती रही, लेकिन बाद में वो भी फरार हो गई।
Umesh Pal Case: अतीक के चौथे बेटे पर आरोप है कि उमेश पाल हत्या की साजिश थी उसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। अतीक अहमद, अशरफ, शाइस्ता परवीन समेत बाकि शूटरों से बात करने के लिए आईफोन पर फेस टाइम एप पर आईडी बनाई थी। इतना ही नहीं उसमें उमेश पाल के लिए गब्बर वॉर्ड इस्तेमाल किया गया था।
Uttar Pradesh: बता दें कि इससे पहले सोशल मीडिया पर एक ट्वीट वायरल हो रहा था जिसमें अतीक और अशरफ की मौत का बदला लेने की बात कही गई थी। ट्वीट में लिखा गया था कि अतीक का बेटा अली उनकी हत्या का बदला लेगा। हालांकि प्रयागराज पुलिस ने जानकारी मिलने के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली थी।
Umesh Pal Case: बता दें कि बमबाज गुड्डू मुस्लिम 75 दिनों से फरार है। शूटर पर 5 लाख का इनाम भी रखा गया है। लेकिन अब तक पुलिस माफिया अतीक के गुर्गे को पकड़ नहीं पाई है। उसके सहयोगी लगातार गुड्डू मुस्लिम की फरारी में मदद कर रहे है। पुलिस को बमबाज की लोकेशन का पता चलता है लेकिन तब तक वो अपने मददगारों की वजह से लोकेशन बदल देता है।
खबर ये है कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहे शूटर साबिर के कौशांबी में छिपे होने की खबर थी। जिसके बाद यूपीएसटीएफ ने संदीपनघाट थाना इलाके के आलमचंद गांव में छापा मारा। यहां कछार के इलाके में एक ट्यूबवेल में साबिर के होने की पुख्ता जानकारी मिली थी। एसटीएफ के छापा मारने से पहले ही साबिर फरार हो गया।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज में 3 शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य ने हत्या कर दी थी। अतीक और अशरफ की मौत से पहले से माफिया की पत्नी शाइस्ता परवीन और उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहा शूटर साबिर फरार हैं।
जांच में ये खुलासा भी हुआ है कि उमेश पाल की इस साल 24 फरवरी को हुई हत्या के बाद अतीक का बेटा असद और शूटर गुलाम बाइक से पहले कानपुर पहुंचे थे। वहां से दोनों बस में सवार होकर दिल्ली गए थे। बाद में दोनों झांसी के पारीछा डैम के पास एनकाउंटर में मार गिराए गए थे।