UP Politics: योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य के लिए तो कई काम किए गए लेकिन अब उन्होंने एक ऐसा कीर्तिमान रच दिया है जो अखिलेश यादव, मुलायम सिंह, मायावती समेत तमाम दिग्गज नहीं कर पाएं। सीएम योगी के इन अनोखे रिकॉर्ड से भारतीय जनता पार्टी में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। तो चलिए आपको बताते हैं ऐसा क्या अनोखा रिकॉर्ड बनाया है सीएम योगी ने...
यूपी में बीते दिनों मुलायम सिंह यादव की लोकसभा सीट मैनपुरी में उपचुनाव हुआ। इसमें मुलायम की बड़ी बहू डिंपल यादव सपा उम्मीदवार के तौर पर विजयी रहीं। इस चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह अचानक सारे मतभेद भुलाकर अपने भतीजे और बहू के साथ खड़े दिखाई दिए।
चुनाव आयोग ने मैनपुरी और रामपुर के अलावा बिहार की कुरहनी, राजस्थान के सरदारशहर, छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर और ओडिशा के पदमपुर विधासभा सीटों पर भी इसी तारीख को उपचुनाव कराने का फैसला किया है। उपचुनाव के लिए 10 नवंबर को अधिसूचना जारी होगी। 17 नवंबर तक प्रत्याशी नामांकन कर सकेंगे।
आजम ने आगे अखिलेश पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार तो बन गई थी। ब्यूरोक्रेसी पर आपको यकीन था। जिन बंगलों में हम रहते थे, उनकी सफाई और रंगाई-पुताई भी शुरू हो गई थी, लेकिन सरकार क्यों नहीं बनी ये अलग बहस का मुद्दा है।
सपा के चीफ और यूपी के सीएम रहे मुलायम सिंह यादव के बयान को दोहराते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सपा के मौजूदा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला। मुलायम सिंह ने बयान दिया था कि लड़के हैं, लड़कों से गलतियां हो जाती हैं।
शिवपाल इससे पहले भी संकेतों में अखिलेश से नाराजगी जताते रहे हैं। उन्होंने अखिलेश का नाम लिए बगैर विनाशकाले विपरीत बुद्धि जैसी कहावत का इस्तेमाल किया था। वहीं, मंगलवार को ईद के दिन शिवपाल ने कहा था कि जिसे हमने चलना सिखाया, वो हमें रौंदता गया।
इंटरव्यू में शिवपाल ने आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि जनता की आवाज पर वो सपा में आए। अखिलेश को अपना नेता माना। मुलायम और आजम खान के बाद तीसरे वरिष्ठ नेता वो ही हैं। इसके बाद भी स्टार प्रचारकों में नहीं रखा गया। कोई जिम्मेदारी भी नहीं मिली। सपा में अपमान के सिवा कुछ भी नहीं मिला।
इस दांव से विधानसभा में अखिलेश के सपा गठबंधन को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही उनके कुनबे में एक बार फिर बीजेपी सेंध लगाने में कामयाब हो जाएगी। इससे पहले बीजेपी ने ऐन चुनाव से पहले अखिलेश के छोटे भाई प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव को शामिल कराया था।