यूरोप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बातचीत के दौरान पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद मध्य एशिया और यूरोप दोनों से भारत के संबंध प्रगाढ़ होंगे ।

राहुल गांधी 7 से 11 सितंबर तक यूरोप का दौरा करेंगे। राहुल गांधी फ्रांस की राजधानी पेरिस जाएंगे। वहां भारतीय समुदाय के लोगों को राहुल संबोधित करेंगे। राहुल गांधी इससे पहले इस साल मई में अमेरिका के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने सैन फ्रांसिस्को, राजधानी वॉशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क में कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था।

अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) समेत दो बैंक दिवालिया हुए। यूरोप में क्रेडिट सुईस भी संकट में घिरा है। ऐसे में सवाल है कि क्या दुनिया के बड़े देशों के इन नामचीन बैंकों के डूबने का संकट भारत पर भी पड़ेगा? क्या भारत के बैंकों में खाता और डिपॉजिट रखने वालों को सावधान हो जाना चाहिए?

राहुल ने अपने संबोधन में तमाम अन्य बातें भी कहीं। उन्होंने वीर सावरकर की किताब का हवाला दिया। राहुल ने कहा कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक मुसलमान को पीटा और उससे उनको बहुत खुशी हुई। राहुल ने इस पर सवाल उठाए।

केरेन डोनफ्राइड ने ये भी कहा कि भारत से अमेरिका के रिश्ते काफी महत्वपूर्ण हैं। हम भारत की तरफ से यूक्रेन को दी गई मानवीय मदद का भी स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म करने के लिए अपील भी की थी। उसका भी अमेरिका स्वागत करता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बीच सभी राज्यों को एडवायजरी भी भेजी है। मंत्रालय ने कहा है कि जब भी नया कोरोना मरीज मिले, तो उसके सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए। मंत्रालय ने इसके साथ ही मास्क लगाने, हाथ धोने और भीड़भाड़ न करने के अपने पहले प्रोटोकॉल को भी लागू करने का सुझाव दिया है।

जयशंकर ने इससे पहले विदेश में कई बार यूरोपीय देशों को फटकार लगाई थी। दरअसल, यूक्रेन से रूस की जंग चल रही है। भारत सस्ते में रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। इसी पर अमेरिका और यूरोप के देश लगातार भारत को घेर रहे थे।

जयशंकर ने इससे पहले अपने विदेश दौरे में इसी तरह के सवाल पर अमेरिका और यूरोप को जवाब दिया था। जयशंकर ने साफ कहा था कि भारत की विदेश नीति किसी की मोहताज नहीं है। उन्होंने कहा था कि भारत की मर्जी है कि वो किससे कच्चा तेल खरीदे। उन्होंने कहा था कि नागरिकों के हित का ध्यान रखना सरकार का काम है।

24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने उस पर प्रतिबंध लगाए हैं। इस दौरान रूस ने करीब 30 फीसदी तक सस्ता कच्चा तेल देने का ऑफर दिया, तो भारत ने उससे काफी कच्चा तेल खरीदा। इस पर कई यूरोपीय देशों और अमेरिका ने अपनी आपत्ति जताई थी। इसी पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने बयान दिया है।

पुतिन ने इस मौके पर यूक्रेन के खिलाफ जंग की जगह सेना भेजने को स्पेशल ऑपरेशन बताया। उन्होंने कहा कि रूस की सेना सभी मकसद पूरे करेगी। हम बड़े पैमाने पर संघर्ष को रोकने की कोशिश में जुटे हैं। पुतिन ने ये आरोप भी लगाया कि यूक्रेन लगातार जैविक हथियार बनाने की कोशिश कर रहा था।