स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से रामचरितमानस के बाद अब सीधे भगवान श्रीराम के बारे में पुराना नारा लगाए जाने से यूपी की सियासत के और गरमाने के आसार हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बीएसपी में थे। फिर मायावती पर टिकट बेचने का आरोप लगाकर बीजेपी में आए और योगी सरकार में मंत्री बने। फिर सपा में चले गए थे।
संघमित्रा मौर्य को स्वामी प्रसाद ने बीजेपी के साथ रहने के दौरान बदायूं से लोकसभा चुनाव का टिकट दिलाया था। संघमित्रा ने तब इस सीट से जीत भी हासिल की थी। रामचरितमानस विवाद की वजह से बीजेपी और संघमित्रा के रिश्ते बने रहने को लेकर शंका का माहौल बन गया था।
Ramcharitmanas Row: मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, आज की तारीख में शूद्र पढ़ लिख गया है। हजारों साल पहले उनको पढ़ने पर मनाही थी। उसके बारे में कही आपत्तिजनक बातों को भी आशीवार्द समझता था लेकिन जब पढ़ लिख गया है। शास्त्र का अर्थ समझ सकता है। हिंदी, अंग्रेजी पढ़ सकता है।
इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री ने एक मंच से कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में कहा था कि इस पुस्तक में कई ऐसे श्लोक हैं, जो समाज को विभाजित करने का काम करते हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खूब बवाल मचा था।
Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद ने मैंने अपना सुरक्षा संबंधी पत्र पीएम और राष्ट्रपति को भेज चुका हूं। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इस पूरे प्रकरण पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के नेताओं का अभी तक कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है। सपा के स्वामी प्रसाद से दूरी बनाए जाने और चुप्पी साधने पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है।
Ramcharitmanas Row: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एक्शन करने की मांग करते हुए लिखा, ''स्वामी प्रसाद जी के घर पर बुलडोज़र कब चलेगा योगी जी,क्या आपका “बुलडोज़र” सिर्फ़ ग़रीबों की “झोपड़ी” उजाड़ने के लिये ही है।''
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान के बाद खुद भी विवाद पैदा किया था। उनका कहना है कि रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों से दलितों, पिछड़ों और महिलाओं का अपमान होता है। मौर्य ने इन चौपाइयों को हटाने या संशोधित करने की मांग की है।
अमेठी से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान का वो विरोध करते हैं। राकेश प्रताप ने कहा था कि वो पद और सबकुछ गंवाने के लिए तैयार हैं, लेकिन किसी सूरत में सनातन धर्म या उसके धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकते।
पार्टी की प्रवक्ता रोली मिश्रा तिवारी ने पहले ही इस मामले में मोर्चा खोला था। अब अमेठी से सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस मामले में दिए गए बयान पर अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर सामने ला दी है। राकेश प्रताप ने ये भी कहा है कि वो इस मुद्दे पर पद भी छोड़ने को तैयार हैं।
इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सपा पर तीखा हमला कर चुके हैं। योगी ने कहा था कि जिन्होंने कभी विकास का काम नहीं किया, वे इस मुद्दे को उठाकर समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। योगी के इस हमले के एक दिन बाद ही अब अखिलेश का ताजा बयान आया है।