US President Election 2024: बाइडेन के अलावा कमला हेरिस भी उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने जा रही हैं। उन्होंने खुद इस बारे में ट्विटर पर जानकारी साझा की है। बता दें कि आज से तीन साल पहले 2020 में भी कमल हेरिस भी अमेरिका की उपराष्ट्रपति पद पर विराजमान हुई थी।
दरअसल, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश के बाद अब जेडीयू के लिए दादर नगर हवेली से बेहद हदयविदारक खबर आई है। खबर है कि दादर नगर हवेवी में जेडीयू की पूरी इकाई ही बीजेपी में ही शामिल हो गई। निसंहेद यह स्थिति जेडीयू के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।
यशवंत ने कहा कि वह अब राजनीतिक जीवन में सक्रिय नहीं रहेंगे। वे सार्वजनिक जीवन में ही रहकर ही जनता की सेवा करना चाहते हैं। वहीं, जब उनसे पूछा गया कि अब उनका अगला कदम क्या रहने वाला है, तो इस पर उन्होंने कहा कि वे किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी उनसे किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं किया है और ना ही उन्होंने किसी भी पार्टी से कोई समर्थन किया है।
President Oath Ceremony: इस सर्वोच्च पद पर विराजमान हुए सभी राष्ट्रपतियों ने 25 तारीख को ही शपथ ग्रहण की, जिसमें ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा, के.आर नारायणन, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, प्रणब मुखर्जी, रामनाथ कोविंद, द्रौपदी मुर्मू के नाम शामिल हैं।
President Ram Nath Kovind: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि पांच साल पहले मैं अपने जनप्रतिनिधियों के जरिए राष्ट्रपति चुना गया था। इसके लिए मैं अपने जनप्रतिनिधियों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि, ‘हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था।
उधर, समाजवादी पार्टी की बात करें, तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी सपा के कई विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में वोट करने से गुरेज नहीं किया, जिस पर अब शिवपाल सिंह यादव का बड़ा बयान सामने आया है।
President Election 2022: कैसे भुलाया जा सकता है, जब दिन- रात मोदी सरकार की आलोचना करने में मसरूफ रहने वालीं मायवती ने मूर्मु के समर्थन करने का ऐलान कर दिया था। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि कैसे विपक्षी कुनबा कैसे ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। हम सभी देखा कि कैसे विपक्षी कुनबा किसी गगनचुंबी इमारत की भांति धराशायी हो गया।
Draupadi Murmu: देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला नेता बन जाएंगी। देश में अभी तक कोई भी आदिवासी न तो राष्ट्रपति और न ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुआ है। हालांकि, केआर नारायणन और रामनाथ कोविंद के रूप में दो दलित राष्ट्रपति मिले हैं।
President Election: अब ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी रहेंगी कि आखिर देश का अगला महामहिम कौन होता है। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के लिए देश कई बड़े नेता पहुंचे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक का नाम शामिल हैं। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत विपक्ष के कई बड़े नेता राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने पहुंचे हैं। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखने को मिले।
Presidential Election: क्रॉस वोटिंग के कहर का शिकार महज समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि कई अन्य विधायकों को भी होना पड़ रहा है। ध्यान रहे कि एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों ने भी द्रौपदी मूर्मु के समर्थन में वोट किया है। दरअसल, गुजरात में शरद पवार की पार्टी एनसीपी के विधायक कंधाल एस जडेजा ने दावा किया है कि उन्होंने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट किया है।