महबूबा किस तरह दुर्दांत आतंकी यासीन मलिक का पक्ष लेती रहीं, ये इसी से पता चलता है कि साल 2019 में भी जब यासीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो महबूबा ने बयान दिया था कि आप इंसानों को कैद कर सकते हैं, लेकिन उनके विचारों को कभी कैद नहीं किया जा सकता।
Yasin Malik Case: तो बात उन दिनों की है, जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर पहुंच चुका था। उन दिनों केंद्र सरकार में गृह मंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद। तभी जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक की अगुवाई में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री की बेटी रूबिया सईद का अपहरण कर लिया गया था। रूबिया सईद को छोड़ने के एवज में दुर्दांत आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई थी। मजबूरन में सरकार को आतंकियों को छोड़ने जैसा कदम उठाना पड़ गया।