Rahul Gandhi Press Conference: राहुल गांधी संसद सदस्यता जाने के बाद आज पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस किया। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने दो टूक कह दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ते रहेंगे। वे सरकार के तानाशाही रवैये के आगे नहीं झुकेंगे।
Rahul Gandhi: दरअसल, राहुल ने अपने ब्रिटेन दौरे के दौरान भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली पर विवादित टिप्पणी कर दी थी, जिसे लेकर बीजेपी अभी उनसे माफी की मांग कर रही है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि राहुल ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि बीजेपी अदानी प्रकरण से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राहुल प्रकरण को उठा रही है।
Ravi Shankar Prasad : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को ब्रिटेन में की गई अपनी टिप्पणियों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया । जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि मैं माफी नहीं मांगूंगा। अगर मुझे इजाजत मिलेगी, तो मैं सदन में जवाब दूंगा। वहीं राहुल के प्रेस कांफ्रेंस के जवाब बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद भी प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। आइए , जानते हैं कि बीजेपी नेता ने क्या कुछ कहा।
हालांकि, इस मार्च में तृणमूल और रांकापा ने अपनी भागीदारी नहीं दिखाई। उधर, सियासी संग्राम के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद पहुंचे। ऐसे में यह देखना यकीनन दिलचस्प है कि जब उन्हें लेकर पिछले चार दिनों से संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है, तो राहुल की क्या प्रतिक्रिया और उनका रुख कैसा है?
राहुल ने अपने संबोधन में तमाम अन्य बातें भी कहीं। उन्होंने वीर सावरकर की किताब का हवाला दिया। राहुल ने कहा कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक मुसलमान को पीटा और उससे उनको बहुत खुशी हुई। राहुल ने इस पर सवाल उठाए।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों कुछ जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को नाम भेजे थे। इन नामों पर मुहर न लगने पर कोर्ट ने कठोर कदम उठाने की चेतावनी अटॉर्नी जनरल को दी थी। बता दें कि संविधान के तहत लिखा है कि जजों की नियुक्ति केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से सलाह मश्विरा करके करेगी।
Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) ने कहा कि सदस्यों के आने-जाने का क्रम निरन्तर बना रहता है। अपने कार्यकाल में सदस्यों द्वारा दायित्वों का निर्वाह जिस निष्ठा, समर्पण, लगन एवं ईमानदारी के साथ किया जाता है, उससे समाज का जो भला होता है, वही कार्यकाल को स्मरणीय बनाता है।
भारतीय चिंतन की मूल भूमि लोकतंत्र (Democracy) है। अनेक विचार हैं। 8 प्रतिष्ठित दर्शन है। विचार भिन्नता है। सब मिलकर लोकतंत्र की भावभूमि बनाते हैं। लोक और जन वैदिक पूर्वजों के प्रियतम विचार रहे हैं।
J&K: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के नए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने ‘चलो गांव की ओर’ और ‘माइ सिटी, माइ प्राइड’ जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत करके शासन-प्रशासन को जनता से जोड़ने और उसे संवेदनशील बनाने की पहल की है। ये कार्यक्रम विकास योजनाओं में जनभागीदारी पर बल देने वाले हैं। सभी हितधारकों ख़ासकर आम नागरिकों में भरोसा पैदा करके और उन्हें साथ जोड़कर ही सरकारी योजनाओं का सफल कार्यान्वयन संभव है।
'आपातकाल: लोकतंत्र की हत्या और पुनर्जन्म, न भूलेंगे न माफ करेंगे' नामक पुस्तक का संपादन जेएनयू के छात्र प्रशांत शाही ने किया है।