अहमद पटेल

Faisal Patel: दरअसल, गुजरात की भरूच लोकसभा सीट से फैसल के पिता अहमद पटेल चुनाव लड़ते और जीतते रहे। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गुजरात की सीटों पर समझौता हुआ, तो भरूच और भावनगर सीट को कांग्रेस ने अपने सहयोगी को दे दिया। इसी वजह से फैसल ने भड़ककर बागी तेवर अपनाए हैं।

Bharuch Lok Sabha Seat: सोनिया गांधी का राजनीतिक सलाहकार होने के नाते अहमद पटेल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में सबसे ऊपर शुमार किए जाते थे। अपने पिता की इस सीट पर अब फैसल पटेल दावा ठोक रहे हैं और उन्होंने इस बारे में अपने विचार सार्वजनिक भी किए थे।

दरअसल, कोर्ट में तीस्ता शीतलवाड़ा प्रकरण के संदर्भ में दाखिल किए गए हलफनामा में खालासा किया गया है कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ा को कांग्रेस के दिवगंत नेता अहदम पटेल की ओर से 30 लाख रूपए दिए गए थे। यह रकम दो हिस्सों में दिए गए थे।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल से 30 लाख रुपए लेकर मोदी और गुजरात को बदनाम करने के एसआईटी के तीस्ता सीतलवाड़ पर लगाए गए आरोप से सियासत गरमा गई है। इस मसले पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। जो और तेज होने के आसार दिख रहे हैं।

एसआईटी ने कोर्ट में दाखिल किए हलफनामे में कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने राजनीतिक मंशा से बड़ी साजिश रची थी। हलफनामे में एसआईटी ने दो गवाहों का जिक्र किया। उसने कहा कि तब राज्यसभा सांसद रहे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के तत्कालीन सलाहकार अहमद पटेल के इशारे पर साजिश रची गई।

Congress: मंगलवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ''इंतजार करते-करते थक गया हूं। हाईकमान से कोई प्रोत्साहन नहीं है। अपनी तरफ से विकल्प खुले रख रहा हूं।'' वहीं गुजरात में चुनाव से पहले का फैसल पटेल का कांग्रेस का साथ छोड़ना पार्टी के लिए झटका साबित हो सकता है और पार्टी के लिए चिंता भी बढ़ा दी है। 

महा विकास अघाड़ी (MVA) के गठन में अहमद पटेल (Ahmed Patel) ने अहम भूमिका निभाई थी। एमवीए को तौर पर शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस को एक मंच पर लाने का श्रेय अहमद पटेल को ही जाता है। कांग्रेस का चाणक्य कहे जानेवाले अहमद पटेल के निधन पर शरद पवार भी बेहद दुखी नजर आए। वहीं इस मौके पर शिवसेना नेता संजय राऊत (Sanjay Raut) ने तो अहमद पटेल से लोगों को पार्टी के प्रति वफादारी सिखने तक की सीख दे डाली।

जानकारी के मुताबिक CWC की ये बैठक सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी। कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, UPA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी।

सचिन पायलट के मामले में, यह कांग्रेस के कोषाध्यक्ष थे, जिन्होंने तत्कालीन राजस्थान के उपमुख्यमंत्री द्वारा बगावत के पहले दिन चार विधायकों की वापसी कराने में कामयाबी हासिल की थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुजरात स्थित स्टर्लिग बायोटेक और संदेसरा बंधुओं द्वारा करोड़ों रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में गुरुवार सुबह वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल से उनके आधिकारिक आवास पर चौथे दौर की पूछताछ की।