आजम खान के जौहर अली संस्थान की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक एसआईटी बनाई थी। एसआईटी ने जांच में पाया था कि इस संस्थान को अरबी, फारसी भाषाओं को पढ़ाने के लिए दी गई थी, लेकिन यहां अंग्रेजी की शिक्षा दी जा रही थी।