आरोग्य सेतु ऐप

Arogya Setu: आईटी(IT Ministry) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यह स्पष्ट है कि यह ऐप भारत सरकार(Indian Government) द्वारा कुछ भारतीय तकनीकी कंपनियों की मदद के साथ विकसित और प्रबंधित किया गया था।

Aarogya Setu App: आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu App) को लेकर एक आरटीआई (RTI) (सूचना का अधिकार) डाली गई थी जिसका जवाब स्पष्ट तौर पर नहीं दिया गया। मामला बिगड़ने के बाद सूचना आयोग ने एनआईसी समेत कई चीफ पब्लिक इंफॉर्मेशन अधिकारियों, नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को कारण बताओ नोटिस भेजा है।

WHO Praise Aarogya Setu app : WHO ने कहा कि, इस ऐप की मदद से पब्लिक हेल्थ से जुड़े विभागों को उन इलाकों की पहचान करने में मदद मिल रही है जहां कोरोना(Corona) के क्लस्टर होने की संभावना है।

इसको लेकर सरकारी प्राधिकरण ने एक ट्वीट कर कहा है कि, ‘घरेलू उड़ानों को जल्द संचालित करने की संभावना को देखते हुए एएआई ने कुछ उपाय जारी किए हैं जिसका यात्रा करते समय सभी यात्रियों को पालन करना होगा।’

पिछले 24 घंटे में देश के अंदर कोरोना के रिकॉर्ड 4,213 मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस का पता लगाने वाला ऐप आरोग्य सेतु सुरक्षित है और इसे लोगों की निजता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जूम के सवाल के जवाब पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम इसका भी विकल्प भारत में ही खोज रहे हैं। साथ ही सरकार इंडियन IT प्रोडक्ट्स बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी कर रही है। इसके लिए छोटी बड़ी 3,000 कंपनियों के आवेदन भी आए हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने के शुरु में आरोग्य ऐप को लांच किया था। जिसमें उन्होंने इसे कोरोना के खलिाफ लड़ाई में सबसे कारगर हथियार बताया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान कई टास्क पार्टी को सौंपे। जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कार्यकतार्ओं के सहारे धरातल पर उतारने में जुटे रहे। प्रधानमंत्री मोदी की पांच प्रमुख अपीलों को लेकर पार्टी युद्धस्तर पर आगे बढ़ी।

भारत के साथ ही कुछ और भी देशों ने इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया। इनमें सिंगापुर, साउथ कोरिया, जर्मनी, कनाडा, आस्ट्रेलिया शामिल हैं। भारत के हेल्थ केयर सिस्टम की इस समय पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।

रिपोर्ट में कहा गया ये ऐप बिना पढ़े-लिखे, टेक्नोलॉजी की कम समझ वालों को भी शिक्षित करेगा और बीमारी को ट्रैक करेगा। इस ऐप को एंड्रॉयड और आईफोन दोनो स्‍मार्टफोन पर डाउनलोड किया जा सकता है। ये एप्लिकेशन 11 भाषाओं को सपोर्ट करती है।