इलाहाबाद हाई कोर्ट

Mathura Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर मथुरा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से शाही मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया।

Mathura Janmbhumi : इस मसले पर वादी पक्ष ने भी कहा कि सुनवाई के दौरान 7 रुल 11 पर भी बहस हो, लेकिन पूर्व में अमीन सर्वे के आदेश पर जब कोई स्टे नहीं है, इसलिए इसका अनुपालन किया जाए। वादी पक्ष के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि अदालत ने ईदगाह परिसर में कोर्ट अमीन के सर्वे के आदेश कर दिए हैं, इसकी कॉपी शुक्रवार को मिलेगी। उधर, प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि अदालत में सुनवाई हुई।

Supreme Court : हाई कोर्ट ने 2012 में अपनी जमीन वापस मांगी थी। इस पर मस्जिद का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ऐसे में हम हाई कोर्ट के फैसले पर कोई दखल नहीं दे सकते। बता दें कि अभिषेक शुक्ला नाम के एडवोकेट की अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद हटाए जाने का आदेश दिया था। वहीं मस्जिद के पक्ष में बोलते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की इमारत 1861 में तैयार हुई थी।

HC On Dowry Act: इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने मुकेश बंसल की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि लिव इन रिलेशनशिप हमारी सामाजिक सांस्कृतिक मान्यताओं और परंपरागत विवाह की जगह लेती जा रही है। आज की जमीनी हकीकत यही है जिसे हमें स्वीकार करना पड़ेगा।

Loudspeaker Row: लाउडस्पीकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न किया जाए। हालांकि, ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस हॉल, कम्युनिटी और बैंक्वेट हॉल जैसे बंद स्थानों पर इसका इस्तेमाल बिना किसी रूकावट के किया जा सकता है।

उधर, हाईकोर्ट ने भी याचिकाकर्ता के इन कृत्यों को ध्यान में रखते हुए उस पर 1 लाख रूपए का जुर्माना लगा दिया है। फिलहाल, इस पूरे मामले की चर्चा अपने चरम पर पहुंच चुकी है। सभी लोग इस बात को जानकर हैरान हो रहे हैं कि आखिर यह कैसा गजब का मामला है।

Inter Faith Marriages: कोर्ट(Allahabad High Court) ने कहा कि किसी की दखल के बिना अपनी पसंद का जीवन साथी चुनना किसी भी शख्स के मौलिक अधिकार के दायरे में आता है। ऐसे में अगर शादी कर रहे लोग अगर नहीं चाहते कि उनका निजी ब्यौरा सार्वजनिक किया जाय तो नहीं किया जाना चाहिए।

Allahabad High Court: कोर्ट(Allahabad High Court) ने कहा कि रिकार्ड से साफ पता चल रहा है कि धर्म परिवर्तन महज शादी के लिए ही हुआ है। ऐसे में सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन(Religious conversion) करना वैध नहीं है।

Hathras Case: इस मामले से जुड़ी याचिकाओं में राज्य सरकार(State Government) पर सवाल खड़े करते हुए आशंका जताई गई थी कि, उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गयी।

Azam Khan : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व रामपुर से सांसद आजम खां (Azam Khan) की इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad high court) ने मंगलवार को जमानत मंजूर कर ली।

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