कश्मीरी पंडित

टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा ने साल 2019 में बनाया था। इसकी वजह ये थी कि कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों में लश्कर का लगातार नाम आ रहा था। ऐसे में लश्कर ने आतंकी घटनाओं को स्थानीय लोगों की ओर से किया जाना दिखाने के लिए टीआरएफ बनाया था।

फारुख अब्दुल्ला के ताजा बयान में है कि घाटी में 1990 जैसे हालात बन रहे हैं। अगर इतिहास को देखें, तो फारुख के सीएम रहते ही घाटी में 1990 के दशक से आतंकवाद ने सिर उठाया है। उनके इस्तीफा देने के एक दिन बाद ही श्रीनगर समेत कई जगह कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार भी हुआ था। फारुख उस वक्त लंदन में थे।

Punjab: दरअसल, हाईकोर्ट ने कवि कुमार विश्वास और तजिंदर पाल सिंह बग्गा को राहत देते हुए दोनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के इस फैसले के सामने आने के बाद खुश कुमार विश्वास और बग्गा ने पंजाब की भगवंत मान सरकार पर हमला बोला है।

Anupam Kher: अनुपम खेर ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि, ये उन तमाम लोगों के मुंह पर तमाचा है जो फिल्म कश्मीर फाइल्स को काल्पनिक बता रहे थे। 5 लाख लोग जो अपने घरों से निकाल दिए गए थेजो लोग अपने घरों से निकाल दिए गए थे। वो बोल रहे थे कि ये हो नहीं सकता है फिल्म प्रोपेगेंडा है इसको यूट्यूब पर देखना चाहिए। मैं उनसे कहूंगा कि आपसे बड़ा पाखंडी मैंने ज़िन्दगी में नहीं देखा।

Jammu-Kashmir: इससे पहले भी बीते शुक्रवार को भी दहशतगर्दों ने टारगेट किलिंग को अंजाम दिया था। आतंकियों ने बांदीपोरा के सोदनारा सुंबल में गैर-कश्मीरी मजदूर पर हमला किया था। इस फायरिंग में मजदूर बुरी तरह से जख्मी हो गया था जिसके बाद उसने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। बता दें कि कश्मीर में बीते कई महीनों में कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है।

राणा अयूब खुद को पत्रकार बताती हैं। उनके लेख अमेरिका में छपते हैं। राणा ने बीते दिनों अमेरिकी सरकार से अपील की थी कि वो भारत में मुसलमानों पर हो रहे कथित अत्याचार को रुकवाए। आए दिन राणा अयूब मोदी विरोध करते-करते देश विरोधी बातें भी लिखती हैं।

देश में बड़ा बदलाव दिखने लगा है। आतंकवाद, कश्मीरी हिंदुओं की हत्या और दंगों के खिलाफ अब भारत के मुसलमानों की आवाज उठने लगी है। पिछले दो दिन में हजारों मुस्लिमों और उनके संगठनों ने आतंकी गतिविधियां करने वालों और दंगाइयों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।

Jammu and Kashmir: बीते दिन जम्मू कश्मीर के बडगाम के चडूरा तहसील के रहने वाले राहुल भट्ट की आंतकियों ने उनके ऑफिस में घुसकर हत्या कर दी। इसके बाद मृतक राहुल भट्ट् के घर व स्थानीय लोगों में शोक की लहर है।

Jammu-Kashmir: जम्मू कश्मीर के बडगाम से एक बार फिर से इसी प्रकार की घटना सामने आई है। इस बार आंतकियों ने राजस्व विभाग में कार्यरत एक अधिकारी को गोली मार दी है।

Guru Tegh Bahadur Prakash Parv 2022: गुरू तेग बहादुर के बचपन का नाम त्यागमल था। मात्र 14 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने पिता के सानिध्य में मुगलों के विरूद्ध जंग लड़ी थी। उनकी इस वीरता से परिचय होने के बाद उनके पिता ने उनका नाम तेग बहादुर रख दिया था।