कानपुर हिंसा हयात जफर हासमी

TV Debate: इस न्यूज प्रोग्राम के दौरान कानपुर हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने पर चर्चा हुई। इसी बीच इस्लामिक स्कॉलर मेहरुद्दीन और समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक सोम इस नीति को गलत बता रहे थे। इसके बाद वकील के तौर पर मौजूद रहे तेजतर्रार डॉ. रिजवान अहमद ने इन दोनों की बोलती बंद कर दी

जानकारी के मुताबिक, विदेशों से फंड प्राप्त करने के लिए साल 2019 में कानपुर के बावूपुरवा इलाके के एक बैंक में खाता खोला गया था, जिसका अकाउंट नंबर 50014717838 है, जिसमें 30 जुलाई 2019 को सबसे पहले 3 करोड़ 54 लाख रुपए जमा कराए गए थे, जिसके बाद सितंबर 2021 में एकमुश्त 98 लाख रूपए एकमुश्त निकाल लिया गया था। अभी इस खाते में 1 करोड़ 27 लाख रुपए मिले हुए हैं।

Kanpur Violence: उपरोक्त प्रकरण का प्रणेता हयात जफर पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। उक्त हिंसा के संदर्भ में उससे पूछताछ की जा रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंसा में संलिप्त 40 दंगाइयों की तस्वीर सार्वजनिक कर आम जनमानस से उनके बारे में सूचना प्रेषित करने की अपील की है। साथ ही पुलिस ने जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान को गुप्त रखने का भी आश्वासन दिया है।