काम धारणा

काम कामनाओं का बीज है। यह प्रकृति में सर्वव्यापी है। प्राकृतिक है। प्रकृति की सृजनशक्ति है। प्रत्येक शक्ति का नियमन भी होता है। नियमविहीन शक्ति अराजकता में प्रकट होती है। फिर काम को विराट शक्ति जाना गया है।