के. चंद्रशेखर राव

वोटिंग के नतीजे आने पर पता चलेगा कि किस राज्य में किसकी सरकार बनने जा रही है। इन चुनावों में चारों राज्यों में तमाम दिग्गज नेता भी मैदान में हैं। इनकी किस्मत का पता भी आज शाम तक चलने वाला है। तो देखते हैं कि किस राज्य की किस सीट से कौन से दिग्गज नेता ने चुनाव लड़ा है।

तेलंगाना की 13 सीटों पर नक्सली गतिविधियों के कारण सुबह 7 से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी। बाकी 106 सीटों पर शाम 5 बजे तक मतदान कराया जाएगा। इस बार कांग्रेस और बीजेपी की तरफ से चंद्रशेखर राव की बीआरएस को कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद राजनीतिक विश्लेषक लगा रहे हैं।

तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों के लिए गुरुवार यानी कल वोटिंग होगी। तेलंगाना के गठन के बाद से लगातार 2 बार यहां के. चंद्रशेखर राव की बीआरएस (पहले टीआरएस) की सरकार है। इस बार भी चंद्रशेखर राव सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, उनको बीजेपी और कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है।

मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव की वोटिंग हो चुकी है। अब 30 नवंबर को तेलंगाना की 119 सीटों के लिए वोटिंग होनी है। इन सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर की शाम तक आ जाएंगे। तेलंगाना गठन के बाद से चंद्रशेखर राव ही यहां के सीएम पद पर हैं।

कर्नाटक के बल्लारी में जींस बनाने वाले उद्योगों के लिए बिजली कटौती का मसला भी पोस्टरों में उठाया गया है। कर्नाटक में कांग्रेस ने बीते दिनों विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाई थी। उसी के बाद राज्य में बल्लारी समेत कई जगह बिजली कटौती होने की खबरें आई थीं।

तेलंगाना में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य बनने के बाद से यहां बीआरएस (पहले टीआरएस) की ही सरकारें बनती रही हैं। चंद्रशेखर राव ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठजोड़ कर रखा है।

सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने अल्पसंख्यकों के लिए योजना को लागू करते हुए कहा कि राज्य सरकार जाति और धर्म से अलग समाज के सभी वर्गों में गरीबी को खत्म करने के लिए कोशिश कर रही है। सीएम राव ने प्रदेश में गंगा-जमुनी तहजीब की भी बात अपने बयान में कही है।

दरअसल, अगर बीजेपी तेलंगाना में अच्छा प्रदर्शन करती है और केसीआर-ओवैसी की जोड़ी भी पुराने रंग में रहती है, तो सबसे बड़ी दिक्कत यहां कांग्रेस को होगी। अगर बीजेपी ने चुनाव में उसे पटकनी दी, तो दक्षिण के एक बड़े राज्य से कांग्रेस के मिटने का डर पैदा होगा। ऐसे में कांग्रेस अब तमाम जतन तेलंगाना में करने वाली है।

एक तरफ लोकसभा चुनाव के लिए मोदी और बीजेपी विरोधी दल एकता की बात कर रहे हैं। पटना में बैठक भी हो चुकी है। वहीं, इन विपक्षी दलों में तकरार भी जारी है। ताजा मामला तेलंगाना में सरकार चला रही बीआरएस और उसके नेता के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर का है। केसीआर पर उद्धव गुट और कांग्रेस ने निशाना साधा है।

वैसे, कांग्रेस और बीआरएस के सुप्रीमो के. चंद्रशेखर राव के बीच अदावत काफी पुरानी है। तेलंगाना गठन के मसले पर चंद्रशेखर राव और कांग्रेस के बीच तनातनी रही है। यूपीए सरकार के दौर में अलग तेलंगाना राज्य के लिए चंद्रशेखर राव ने लंबी जंग लड़ी थी। उसके बाद तेलंगाना का गठन हो सका था।