गुजरात दंगे

ISIS Targets Gujarat: शाहनवाज आलम पर 5 लाख का इनाम है और उसे दिल्ली पुलिस ने अक्टूबर 2023 में गिरफ्तार किया था।

नई दिल्ली। गुजरात हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता...

Congress- BJP : अगर विवादित डॉक्यूमेंट्री की बात करें तो आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' की गिनती सबसे विवादित डॉक्युमेंट्री में की जाती है। 1992 में फिल्माई गई ये डॉक्यूमेंट्री अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अभियान पर आधारित है।

गुजरात दंगों पर बीबीसी ने दो पार्ट में डॉक्यूमेंट्री बनाई है। इस डॉक्यूमेंट्री को आधार बनाकर पीएम नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के नेता और वामपंथी छात्र संगठन लगातार घेर रहे हैं। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है। इसके बाद भी इसको प्रदर्शित करने के लिए कई यूनिवर्सिटी में हंगामा हो चुका है।

ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य रामी रेंजर ने बुधवार को बयान जारी किया कि बीबीसी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग कर रहा है। उन्होंने करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को आहत करने का आरोप भी बीबीसी पर लगाया।

Teesta Setalvad Case: जो चार्जशीट दाखिल हुई है इसमें तिस्ता सीतलवाड़ा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें से प्रमुख पीएम नरेंद्र मोदी को उस वक्त मौत की सजा हो, इसके गहरी साजिश रचना, मोदी को खत्म करना की मंशा, उनकी साख को नुकसान पहुंचाने, उनकी राजनीतिक पारी खत्म करना जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट और गुजरात पुलिस के डीजीपी रहे पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद गिरफ्तार किया गया था। इन सभी को साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

Kapil Sibal: सुप्रीम कोर्ट को लेकर ये बात सिब्बल ने बातें एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। सिब्बल ने गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई क्लीन चिट से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शक्तियों तक का जिक्र किया और दावा किया कि 'संवेदनशील मामलों' को केवल चुनिंदा न्यायाधीशों के पास ही भेजा जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने जकिया जाफरी की अर्जी को खारिज करते हुए ये टिप्पणी की थी कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके कुछ साथियों ने जान-बूझकर और साजिश के तहत दंगों के मामलों को लंबा खींचने की कोशिश की। कोर्ट ने इस मामले में जांच करने का आदेश दिया था। इसके बाद ही गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़, श्रीकुमार और संजीव भट्ट को गिरफ्तार किया था।

एसआईटी ने कोर्ट में दाखिल किए हलफनामे में कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने राजनीतिक मंशा से बड़ी साजिश रची थी। हलफनामे में एसआईटी ने दो गवाहों का जिक्र किया। उसने कहा कि तब राज्यसभा सांसद रहे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के तत्कालीन सलाहकार अहमद पटेल के इशारे पर साजिश रची गई।