गौतम अडाणी

उद्योगपति गौतम अडाणी ने एक और उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने संपत्ति के मामले में अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस को पछाड़ दिया है। अडाणी पहले ही दुनिया के नंबर तीन अमीर उद्योगपति बन चुके हैं। अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स के मुताबिक टेस्ला के सीईओ एलन मस्क 253 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ अमीरों की सूची में सबसे ऊपर हैं।

पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर ऐसी खबरों की बाढ़ है कि उद्योगपति गौतम अडाणी और उनकी कंपनी पर बैंकों का काफी रकम कर्ज है। कांग्रेस और विपक्ष के तमाम नेताओं ने इस मामले में सवाल भी खड़े किए थे। उनका कहना था कि अगर अडाणी ग्रुप फेल हुआ, तो देश को लाखों करोड़ का नुकसान होगा। इस पर अब अडाणी ग्रुप का जवाब आया है।

Hypocricy Of Rahul: अखबार ने आरटीआई से मिले जवाब का हवाला देते हुए बताया है कि राजस्थान के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन BOIP से दोनों उद्योगपतियों ने दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच लेटर ऑफ इंटेंट यानी समझौता ज्ञापन किया। इसमें अंबानी और अडाणी ने 1.68 लाख करोड़ के निवेश का वादा किया।

टाइम मैगजीन ने 100 प्रभावशाली लोगों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की, यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सला वोन डेर लेयन, टेनिस खिलाड़ी राफे नडाल, मीडिया से जुड़ी ओप्रा विन्फ्रे और एप्पल के सीईओ टिम कुक को भी रखा है।

ग्रुप के टेकओवर के बाद गौतम अडाणी ने बयान जारी कर कहा कि सीमेंट कारोबार में हमारा कदम देश की विकास गाथा में हमारे भरोसे का एक और प्रमाण है। हमें विश्वास है कि हम सक्षम होंगे कि एक विशिष्ट एकीकृत और विशिष्ट व्यवसाय मॉडल का निर्माण करें।

फोर्ब्स ने ये लिस्ट दुनिया की सबसे जबरदस्त 2000 कंपनियों पर निकाली है। इसमें मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज 53वें नंबर पर है। उससे काफी पीछे अडाणी की चार कंपनियां हैं। मुकेश अंबानी की रिलायंस पिछले वित्तीय वर्ष में 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा कमाई करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी है।

बीजेपी के नेता और ममता के पुराने सहयोगी सुभेंदु अधिकारी ने राज्य में हिंसा का जिक्र करते हुए कहा है कि बंगाल का मतलब अब बिजनेस नहीं, ब्लड हो गया है। उन्होंने कहा कि बंगाल अब व्यापार के लिए नहीं है, जैसा कि ममता अपने समिट से दिखाना चाह रही हैं।

दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी ने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन से सोलर इक्विपमेंट का इंपोर्ट अगले 3-5 साल में कम होकर नामात्र रह जाएगा।

सभी हवाईअड्डों के मामले में पट्टे की अवधि 50 वर्ष है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि शेष तीन हवाईअड्डे भी इस व्यवसाय में प्रवेश करने वाले अडाणी को सौंपे जाएंगे।

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