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किरेन रिजिजू ने एक सवाल के जवाब में बताया कि उन्होंने दिल्ली से एलएलबी की, लेकिन कभी भी कोर्ट का दरवाजा नहीं देखा। रिजिजू ने कहा कि वो सामाजिक कार्यों से हमेशा जुड़े रहे। विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव की वजह से बीजेपी में आए और अब मंत्री बनकर अपने काम को लगन से पूरा कर रहे हैं।

किरेन रिजिजू इससे पहले भी संसद में अदालतों के बारे में बयान देकर चर्चा में रहे हैं। कोर्ट में होने वाली छुट्टियों के मसले पर उन्होंने सवाल उठाए थे। इस साल सुप्रीम कोर्ट में शीतकालीन अवकाश के दौरान कोई भी बेंच नहीं है। पहली बार ऐसा हुआ है, जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए किसी जज की बेंच नहीं रखी गई है।

Nupur Sharma: देश का एक बहुत बड़ा तबका कोर्ट की इस टिप्पणी का विरोध कर रहा है। कहा जा रहा है कि कोर्ट को इस तरह से टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। उधर, अब कई लोग सार्वजनिक रूप से सामने आकर नूपुर शर्मा की टिप्पणी का विरोध कर रहे हैं। तो इसी बीच 'फोरम फ़ॉर ह्यूमन राइट्स एन्ड सोशल जस्टिस' नाम की संस्था ने CJI को चिट्ठी लिखी है।