ज्ञानवापी मस्जिद

Gyanvapi Masjid: मुस्लिम पक्ष का दावा है कि व्यासजी के तहखाने में कभी पूजा नहीं हुई। वहीं, हिंदू पक्ष ने वाराणसी के जिला जज की अदालत और इलाहाबाद हाईकोर्ट में सबूत पेश किए कि 1993 तक व्यासजी के तहखाने में रोज पूजा होती थी। व्यासजी के तहखाने में रामायण का पाठ भी होता था।

Gyanvapi Vyasji Celler Puja Matter: वाराणसी के जिला जज रहे डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने पहले पूजा के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसे मुस्लिम पक्ष यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड और मसाजिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट का इस पर फैसला आ गया है।

Gyanvapi Masjid Case: मुस्लिम पक्ष की तरफ से मसाजिद कमेटी और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद स्थित व्यासजी के तहखाने में जारी पूजा पर रोक लगाने की अपील की थी। वाराणसी के जिला जज ने 31 जनवरी को व्यासजी के तहखाने में पूजा की मंजूरी दी थी।

Gyanvapi Masjid: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज सुनवाई की और फिर 15 फरवरी की अगली तारीख तय कर दी। मस्जिद कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस दौरान हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा।

Gyanvapi Masjid: वाराणसी के जिला जज रहे डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में व्यासजी के परिवार ने तहखाने में फिर पूजा करने देने की अर्जी दी थी। इस पर कोर्ट ने 31 जनवरी को फैसला सुनाते हुए वाराणसी के प्रशासन को 7 दिन में तहखाने में पूजा फिर से शुरू कराने को कहा था।

Asaduddin Owaisi: ओवैसी पहले भी लगातार बाबरी मस्जिद का मसला उठाते रहे हैं और लगातार बयान दे रहे हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को भी मुस्लिमों से छीनने की कोशिश की जा रही है। अब उन्होंने अन्य मस्जिदों के मसले पर अपनी ये राय जाहिर की है।

Gyanvapi Masjid: व्यासजी के तहखाने में 31 जनवरी से ही पूजा चल रही है। जिला जज के आदेश के बाद प्रशासन ने यहां पूजा की व्यवस्था कराई। जिसका मुस्लिम पक्ष विरोध करते हुए कोर्ट गया है। वहीं, वजूखाने के एएसआई सर्वे की मांग करते हुए हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।

Gyanvapi Masjid: वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन के कोर्ट में व्यासजी के परिजनों ने केस किया था। व्यासजी के परिजनों ने कहा था कि 1993 तक वो ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर स्थित तहखाने में पूजा-पाठ करते थे। वहां भक्त भी आते थे, लेकिन फिर 1993 में मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई और इसकी वजह से उनका तहखाने में जाना रुक गया और वहां जो भी मूर्तियां हैं, उनका राग-भोग भी बंद हो गया।

Gyanvapi Masjid: एएसआई की ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट 25 जनवरी को सामने आई थी। सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद से पहले वहां बड़ा हिंदू मंदिर था। ज्ञानवापी मस्जिद की पीछे यानी पश्चिम की दीवार के हिंदू मंदिर का हिस्सा होने की बात भी एएसआई ने सर्वे में कही है। वहां मूर्तियां भी मिली हैं।

Gyanvapi Masjid: हिंदू पक्ष का दावा है कि वजूखाने के टैंक में जो शिवलिंग जैसी आकृति मिली है, वो प्राचीन है। वहीं, मस्जिद पक्ष का दावा है कि ये फव्वारा है। ऐसे में हिंदू पक्ष चाहता है कि एएसआई इसकी भी वैज्ञानिक तरीके से जांच करे। एएसआई के पहले के सर्वे में यहां हिंदू मंदिर के सबूत मिले थे।