निसंतान योग को कराएं दूर

यह जान लें कि जिस प्रकार विवाह बिना जीवन अधूरा है उसी प्रकार विवाह के उपरान्त संतान न होना एक अभिशाप है। समाज में रहते हुए वंश वृद्धि न हो तो लोग टोकने लगते हैं। और हेय दृष्टि से देखते हैं। संतान वंश वृद्धि के लिए आवश्यक है। संतान की उत्पत्ति न हो या बहुत विलंब से हो तो वैवाहिक जीवन नीरस हो जाता है। ईश्वर की कृपा व ग्रहों के आशीर्वाद के बिना संतान का होना संभव नहीं है।

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