पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि

Toolkit Case:अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा, "मामले को स्थगित कर दिया गया। अब 9 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इस बीच, आरोपियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।"

Toolkit Case: इससे पहले टूलकिट मामले में पुलिस की गिरफ्त में आई दिशा रवि को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एक दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा था। बता दें कि पुलिस ने दिशा रवि को लेकर पांच दिन की रिमांड अदालत से मांगी थी लेकिन कोर्ट ने पुलिस को एक दिन की रिमांड दी थी।

Toolkit Case: टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे एक के बाद एक नए नाम सामने आने लगे हैं। इस बीच टूलकिट कांड में आरोपी दिशा रवि ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया है।

Greta Thunberg Toolkit Case: किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब (Nikita Jacob) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। बुधवार को निकिता जैकब को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court )से राहत मिल गई है।

Toolkit Case: बता दें कि अनिता लाल पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक मो धालीवाल (MO Dhaliwal) की करीबी साथी मानी जाती है। वह खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस संस्था की सह-संस्थापक है। इसके अलावा वो इस संस्था की कार्यकारी निदेशक भी है। 

Toolkit Case: दरअसल कन्हैया कुमार ने पर्यावरण कार्यकर्ता के समर्थन में ट्वीट करते हुए लिखा, दिशा रवि ने किसानों का समर्थन करके गलती कर दी। दंगाइयों का समर्थन करती तो शायद मंत्री, मुख्यमंत्री या क्या पता प्रधानमंत्री ही बन जाती।

Toolkit Case: दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम से उन लोगों के बारे में जानकारी साझा करने को कहा है, जो 11 जनवरी की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए थे। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने इस मीटिंग का आयोजन किया था, जिसमें 26 जनवरी को किसानों की हड़ताल और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन के तौर तरीकों वाले शीर्षक से 'टूलकिट' बनाने का फैसला किया गया था।

Toolkit Case: दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि, दिशा रवि की गिरफ़्तारी कानून और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए हुई है। कानून 22 साल और 50 साल की उम्र में कोई अंतर नहीं करता। कोर्ट ने गिरफ़्तारी को सही मानते हुए 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा। जो लोग कहते हैं कि गिरफ़्तारी में कोई कमी है ये बिल्कुल मिथ्या है।